 दिल्ली के एक्साइज स्कैम में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के आवास समेत 7 राज्यों की 21 जगहों पर चल रही CBI की रेड देर शाम खत्म हो गई। छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली। जांच एजेंसी के अफसर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे ही सिसोदिया के घर पहुंच गए थे। अफसरों ने उनके और परिवार के बाकी सदस्यों के फोन और लैपटॉप जब्त कर लिएकेस से जुड़ी एक बड़ी बात सामने आई है। दरसअल, CBI ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ छापे से दो दिन पहले यानी 17 अगस्त को ही FIR दर्ज कर ली थी। इसमें दावा किया गया है कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के नजदीकी को एक करोड़ रुपए दिए थे।
दिल्ली के एक्साइज स्कैम में डिप्टी CM मनीष सिसोदिया के आवास समेत 7 राज्यों की 21 जगहों पर चल रही CBI की रेड देर शाम खत्म हो गई। छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली। जांच एजेंसी के अफसर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे ही सिसोदिया के घर पहुंच गए थे। अफसरों ने उनके और परिवार के बाकी सदस्यों के फोन और लैपटॉप जब्त कर लिएकेस से जुड़ी एक बड़ी बात सामने आई है। दरसअल, CBI ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ छापे से दो दिन पहले यानी 17 अगस्त को ही FIR दर्ज कर ली थी। इसमें दावा किया गया है कि एक शराब कारोबारी ने मनीष सिसोदिया के नजदीकी को एक करोड़ रुपए दिए थे।
CBI ने अपनी FIR में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। बाकी आरोपियों में दिल्ली के एक्साइज कमिश्नर रहे अरुण गोपी कृष्ण, डिप्टी एक्साइज कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी, असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर पंकज भटनागर, 9 कारोबारी और दो कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा FIR में 16वें नंबर पर अननोन पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट पर्सन का जिक्र है। यानी जांच एजेंसी आगे कुछ और लोगों के नाम भी FIR में जोड़ सकती है।
शराब नीति में घालमेल को लेकर सिसोदिया समेत 15 लोगों पर CBI ने FIR उपराज्यपाल वीके सक्सेना के ऑफिस से गृह मंत्रालय को भेजी गई जानकारी के आधार पर दर्ज की है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिसोदिया समेत आरोपी सरकारी अफसरों ने सक्षम अथॉरिटी से मंजूरी लिए बगैर ही एक्साइज पॉलिसी बनाई। इसका मकसद टेंडर के बाद कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाना था।
 
			





