
शक्ति स्वरूपा जगदम्बा की उपासना पर्व नवरात्रि में भी महिलाओं के साथ समाज और सिस्टम का भेदभाव जारी है। छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के एक गांव की पंचायत सचिव को हटाने की सिफारिश सिर्फ इसलिए कर दी गई कि वह महिला है। वह पुरुषों जितना काम नहीं कर सकती। भेदभाव की जानकारी सामने आने पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव को हस्तक्षेप करना पड़ा।
सामने आया कि एक साल पहले बालोद की डौंडी लोहारा जनपद पंचायत के पास भेंडी (लो) गांव के सरपंच का आवेदन पहुंचा। उसमें कहा गया था, काम अधिक होने की वजह से वहां पदस्थ महिला ग्राम पंचायत सचिव हेमलता मानिकपुरी की जगह किसी पुरुष सचिव को पदस्थ किया जाए। जनपद पंचायत प्रशासन ने इस तर्क के आधार पर पंचायत सचिव को हटाने का आग्रह करने वाले सरपंच को समझाने की जगह जिला पंचायत को अपनी सिफारिश भेज दी। इसमें हेमलता मानिकपुरी को भेंडी (लो) से हटाकर झिटिया भेजने और झिटिया के सचिव रामेश्वर को भेंडी (लो) में पदस्थ करने का प्रस्ताव किया गया था। शनिवार को यह मामला पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव के पास पहुंच गया। सिंहदेव ने कहा, यह आदेश अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं आपत्तिजनक है। इस विषय में संज्ञान लेकर मैंने तुरंत इसकी जांच कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है। इस प्रकार की विचारधारा पूर्णतः अस्वीकार्य है। इस संबंध में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त और उचित कार्रवाई की जाएगी।








