सीएम के निर्देश की नाफरमानी, निष्क्रियता से अवैध मुरूम उत्खनन करने वालों के हौसले बुलंदी पर

कोरबा-करतला । खनिज पदार्थो का अवैध दोहन-खनन-परिवहन पर सख्त कार्यवाही संबंधी सीएम के निर्देशों का पालन करने/कराने में जिम्मेदार अधिकारियों की निष्क्रियता/उदासीनता/सांठगांठ के कारण अवैध मुरूम, मिट्टी उत्खनन करने वालों के हौसले बुलंद हैं। अवैध मुरुम का उत्खनन करने वाले प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए एवं अपनी मनमानी करते हुए जहां से मन कर रहा है वहां से अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए मिट्टी एवं मुरूम की खुदाई कर रहे हैं। यह तब हो रहा है जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधानसभा क्षेत्रों के दौरे के दौरान सख्त हैं। लगता है कि कोरबा जिले के भ्र्रष्टाचार में लिप्त चंद अधिकारियों को मुख्यमंत्री के तेवर से कोई फर्क नहीं पड़ता या उन्हें मालूम है कि प्रशासन कुछ नहीं बिगाड़ सकता, इसलिए जो मन आये वो करो और कराओ। कभी कार्यवाही की बात आए तो दिखावा करना भी इन्हें बखूबी आता है। कुछ मामलों में पुलिस भी कूद पड़ती है लेकिन तकनीकी तौर पर जानकारी के अभाव में ठेकेदार के मुंशी जैसे कर्मचारी द्वारा उन्हें आधा-अधूरा और कहीं की अनुमति का आदेश दिखाकर चलता कर दिया जाता है जबकि कार्य उस आदेश के विपरीत और अलग जगह पर होता रहता है।

कोरबा जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सरगबुंदिया में एक निजी तालाब से मुरूम का उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है । मुरूम उत्खनन के कार्य के लिए एक जेसीबी तथा चार हाईवा लगाया गया है जिससे कि कार्य शीघ्रता से किया जा सके। बिना किसी वैध अनुमति के मुरूम उत्खनन करने वाले व्यक्ति के द्वारा शनिवार, रविवार, सोमवार को मिली शासकीय छुट्टी का पूरा फायदा उठाया जा रहा है तथा रात भर में अपना सारा कार्य पूर्ण कर लेने के उद्देश्य से लगा हुआ ह। उक्त व्यक्ति को बहुत अच्छे से पता है की प्रशासन जब कार्य दिवस में अपना कार्य नहीं कर रहा है तो छुट्टी के दिन उसके द्वारा किए जा रहे इस अवैध कृत्य को देखने वाला कौन है? इसे शासन-प्रशासन की निष्क्रियता कहें या आपसी सांठगांठ! कारण जो भी हो पर जमीनी हकीकत यही है कि अवैध कृत्य करने वालों के हौसले चरम पर हैं और प्रशासन मौन। बाकी कुछ हल्ला मचा तो बचाने के लिए चंद नेतानुमा दलाल साहब से सेटिंग कराने को तत्पर हैं जिसमें लाख-50 हजार तो अंदर है। ज्यादा दबाव बना तो अधिकारी नोटिस-नोटिस के खेल में माहिर हैं, फिर भला सरकार और मुख्यमंत्री के निर्देश की कौन सुने? जब चंद अधिकारी ही सरकारी धन/खनिज संपदा को लुटाने में सहयोगी हों तो भला लूटने वाले का क्या जाता है और यह सब कोरबा जिले के करतला ब्लॉक में जमकर हो रहा है जहां भाजपा के कद्दावर नेता ननकी राम कंवर विधायक हैं। कटघोरा,पाली-तानाखार विधानसभा भी अछूता नहीं है।