भारत एल्युमिनियम कंपनी अंडर वेदांता ग्रुप द्वारा बालको प्रबंधन द्वारा लगभग 60 बैडो की डीपीएस स्कूल बाल्को में 1 कोविड सेंटर बनाई गई है। तथा बालको प्रबंधन द्वारा यह दावा किया जाता है कि यह कोविड-19 सेंटर उनके कर्मचारियों परिजनों एवं स्थानीय जनता हेतु बनाया गया है। अगर यह सच है कि बालको प्रबंधन ने कोविड सेंटर स्थानीय लोगों के हित में चालू किया है और वेदांता ग्रुप के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल जी के द्वारा जो 150 सौ करोड़ दान स्वरूप सरकार को दिए गए उसमें भी एक बात कही गई थी कि वह सरकार की मदद हेतु पूरे देश में 1000 बैडो के कोविड सेंटर की व्यवस्था करेगी। बालको प्रबंधन से यह पूछना चाहता हूं कि वह इतना सब कुछ कहती है वह क्या सिर्फ जुमलेबाजी है या फिर वाकई में स्थानीय लोगों के हित में कार्य करने हेतु है। अगर हित में है तो फिर क्यों कल दिनांक 11ध्05ध्2021 को रात 11रू00 बजे मो. दरबार खान वार्ड नंबर 36 बाड़ीमार जो कि कोरोना पॉजिटिव थे एवं उन्हें होम आइसोलेट किया गया था अचानक उनकी तबीयत अत्यधिक खराब हो गई एवं उनका ऑक्सीजन लेवल 35-40 आने लगा तो उन्हें आनन-फानन में बालको प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे कोविड सेंटर में ले जाया गया जहां यह कहा गया कि इन्हें ऑक्सीजन देने हेतु भर्ती करना पड़ेगा जिसके लिए आपको तत्काल ₹10000 डिपाजिट करने पड़ेंगे सब परिजनों द्वारा कोविड सेंटर कर्मियों को कहा गया कि कुछ समय दीजिए कहीं से व्यवस्था करेंगे या सुबह लाकर जमा करेंगे क्योंकि इतनी रात में कहीं से व्यवस्था नहीं हो सकता। ऐसा कहने के बाद उन्होंने पेशेंट को लगाया हुआ ऑक्सीजन निकालकर हॉस्पिटल से बाहर कर दिया गया एवं भर्ती करने से मना कर दिया तब समाजसेवी मुन्ना खान, अब्दुल नफीस खान एवं साथियों द्वारा प्रयास किया कि कहीं और इनके उपचार की व्यवस्था हो जाए तब जाकर 2 घंटे के बाद दर्री स्थित श्रम कल्याण केंद्र कोविड- सेंटर से जानकारी मिली कि हमारे यहां सीट खाली है आप ले आएं।
फिर बाल्को हॉस्पिटल के कोविड सेंटर से एंबुलेंस की मांग करी गई उस पर भी उन्होंने मना कर दिया।
तत्पश्चात आनन-फानन में एंबुलेंस ना मिलने पर ऑटो मंगाकर पेशेंट को वहां लेजाया गया तब उन्हें उपचार देने की शुरुआत तो की गई परंतु गंभीर स्थिति में तत्काल उपचार ना हो पाने के कारण उनकी स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी थी जिसके कारण उन्हें सुबह तक बड़ी मुश्किल उन्हें बचाया गया उसके बाद उनकी मृत्यु हो गई
अब बालको प्रबंधन यह बताएं कि जब वह समाज हित में कोविड-सेंटर चला रही है कहकर दावा करती है तो फिर इस तरह का रवैया अपनाना किस चीज को दर्शाता है और महज ₹10000 के लिए किसी की जान ले लेना कैसी निती है। बालको प्रबंधन यह बताएं कि वह क्या वह दरबार खान के परिवार वालों की जिम्मेदारी लेगा जिनकी मृत्यु बालको प्रबंधन की लापरवाही से हो गई। वहीं समाजसेवी एवं मृतक के रिश्तेदार मुन्ना खान जी एवं अब्दुल नफीस खान भी स्वयं वहां थे और उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश एवं जिले में हमारी पार्टी इंडियन नेशनल कांग्रेस की सरकार है और मैं स्वयं अल्पसंख्यक विभाग का जिला सचिव हूं जिसके साथ इस तरह का अन्याय हो सकता है तो फिर यह लोग आम जनता की कैसी दुर्दशा करते होंगे वह समझ से परे है और जांच का विषय है। दिनों पहले भी हमारे मंत्री महोदय आदरणीय श्री जयसिंह अग्रवाल जी ने इनके चेयरमैन को पत्र के माध्यम से कहा था कि वे अपने कोविड- सेंटर में 100 बैडो की निशुल्क उपचार हेतु व्यवस्था करें। उनका भी इन्होंने मान नहीं रखा
अतः मैं आदरणीय कलेक्टर महोदय जिला प्रशासन कोरबा एवं आदरणीय श्री जयसिंह अग्रवाल मंत्री जी छत्तीसगढ़ शासन, आदरणीय श्री राज किशोर प्रसाद जी महापौर जिला कोरबा, आदरणीय आयुक्त महोदय नगर निगम जिला कोरबा स्वास्थ्य विभाग सीएमओ समस्त लोगों से यह आग्रह करता हूं कि इस तरह की नीति पर काम करने वाले बालको प्रबंधन एवं उनके कर्मचारियों पर तत्काल प्रभाव से कड़ी कार्यवाही की जाए एवं प्रबंधन को इस तरह की नीतियों पर चुप्पी साधे रहने की वजह से अर्थदंड से दंडित किया जाए ताकि आम जनता को दोबारा इस तरह की परेशानियों से दो-चार नहीं होना पड़े।मुन्ना खान ने यह भी कहा की हम समाज में हर वक्त लोगों के बीच रहते हैं और जब उनके साथ नाइंसाफी होती है तो वह पहले अपने करीबी प्रतिनिधियों के पास आते हैं और हमारे द्वारा उनकी समस्या सरकार तक पहुंचाई जाती है हम इस विषय में अगर कुछ नहीं कर सके तो फिर हमारा होना व्यर्थ है।













