भू अधिग्रहण के बाद से नौकरी मुआवजा के लिए भटक रहे ग्रामीण, आक्रोशित होकर किया खदान का काम ठप्प

कोरबा। कुसमुंडा खदान के लिए 1978 से 2004 तक किसानों की जमीन अधिग्रहण किया गया जिसमें जरहा जेल,बरपाली,दूरपा,खम्हरिया, मनगांव,बरमपुर,दुल्लापुर,जटराज,सोनपुरी,बरकुटा,गेवरा, भैसमा गांव का अधिग्रहण किया गया अधिग्रहण के वर्षो बाद भी भू विस्थापित रोजगार के लिए भटक रहे हैं रोजगार की आस में एसईसीएल दफ्तरों की चक्कर काट कर थक चुके

 

भू विस्थापितों ने कुसमुंडा खदान के कोल उत्पादन को रोजगार एकता संघ के आह्वान पर सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 12 घण्टे कुसमुंडा खदान का उत्पादन पूर्ण रूप से बंद किया गया माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, दीपक साहू,जय कौशिक सुबह से आंदोलन का समर्थन करते हुए आंदोलन में बैठ गए।

 

आंदोलन को कांग्रेस के पार्षद अमरजीत सिंह, शैलेंद्र सिंह, शाहिद कुजूर, अजय प्रसाद, विनय बिंझवार सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंच कर आंदोलन का समर्थन करते हुए आंदोलन में बैठे आंदोलन उग्र होने पर एसडीएम कटघोरा की उपस्थिति में बिलासपुर से पंहुचे प्रबंधन के अधिकारियों ने लिखित आश्वासन दिया कि एक माह में पुराने लंबित रोजगार का निराकरण कर रोजगार देने कि प्रक्रिया शुरू कि जाएगी रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष राधेश्याम ने कहा कि आंदोलन समाप्त नही होगा कल से एक माह तक कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना में बैठेंगे और एक माह में रोजगार का निराकरण नहीं होने पर एक माह बाद कुसमुंडा खदान में पुनः अनिच्छित कालीन कोल उत्पादन बंद किया जाएगा।

 

आंदोलन का नेतृत्व राधेश्याम कश्यप, प्रभु दामोदर, रेशम यादव, पुरषोत्तम, रघु,राजेश,मोहनलाल, केशव पांडे,अशोक, दीपक, रामप्रसाद कर रहे थे। आज के हड़ताल से एसईसीएल को करोड़ों का नुकसान हुआ है