कोरबा। खेलते-खेलते पगदंडी पकड़कर बस स्टैंड पहुंचने के बाद पुलिस ने उन्हें बैठकर रोते-रोते बिलख रहे दो मासूमों के चेहरे पुलिस के डायल 112 के प्रयास से उनके पालकों से मुलाकात कराते ही कल देर शाम खिल उठे। यह विहंगम दृश्य देखकर हर कोई यह कहने को विवश हो गया कि वाकई पुलिस कर्मी मानवीय कृत्य प्रशंसनीय है।
दरअसल हुआ यह कि कटघोरा थानांतर्गत नगर पंचायत छुरी के भाठापारा निवासी सुरेश देवांगन का 5 वर्षीय पुत्र अन्नू देवांगन तथा उसकेे पड़ोसी सत्यनारायण केंवट की 6 वर्षीय पुत्री अंकिता के कल शाम अपने घर से निकलकर सामने सड़क पर खेल रहे थे। खेलते-खेलते दोनों मासूम बच्चे अपने भाठापारा स्थित बस्ती से काफी दूर पगदंड़ी पकड़ते हुए नगर पंचायत की बस स्टैंड छुरी की ओर जाने वाली मुख्य सड़क का रास्ता पकड़कर बस स्टेंड छुरी पहुंच गए। यहां काफी देर हो जाने के कारण तथा अपने परिजनों के भटकने के वजह से दोनों मासूम रोने-बिलखने लगे। चूंकि इन दोनों को कोई जान-पहचान नहीं रहा था, इसलिए अजनबी मासूमों के रोने की सूचना वहां उपस्थित लोगों ने कटघोरा थाने के निरीक्षक नवीन देवांगन एवं डायल 112 स्टाफ को दी।
बताया जाता है कि इस सूचना के मिलते ही कटघोरा टीआई श्री देवांगन ने डायल 112 के आरक्षक उत्तरा बंजारे को छुरी बस स्टैंड रवाना किया। आरक्षक बंजारे ने तत्काल उन मासूमों को अपने साथ डायल 112 वाहन वैन में बैठा दिया तथा अपने स्तर पर काफी हद तक लोगों के माध्यम से प्रसार कर दोनों मासूमों के पालकों को बुलवा लिया। जिसके उपरांत वहां उपस्थित काफी संख्या में लोगों के समक्ष दोनों मासूमों को उनके पालकों को सुपुर्द कर दिया। उस समय रो रहे मासूम जब अपने पालकों से मिलकर खिलखिला कर हंसने मुस्कुराने लगे तो उस विहंगम नजारा लोगों देखने को मिला। इस तरह दो मासूमों के गुमने उनके पतासाजी के लिए पुलिस को सूचना दिए जाने के मामले का बड़े उल्लासपूर्ण माहौल में पटाक्षेप हुआ।












