
रायपुर। प्रदेश में अब 58 फीसदी आरक्षण का मुद्दा पर राजनीति गर्म हो रही है। आज आदिवासी बीजेपी नेताओं की पत्रकार वार्ता पर सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार में 58 फीसदी आरक्षण बिना तैयारी के लागू किया गया था, इस आरक्षण को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताया है। जिसका जिसका खामियाजा प्रदेश को भुगतना पड़ रहा है। सीएम ने कहा कि अब कानूनी राय लेने के बाद हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
वहीं ओल्ड पेंशन स्कीम पर सीएम भूपेश ने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम देने का निर्णय हमनें लिया है, आम आदमी पार्टी कांग्रेस की नकल कर रही है। उन्होंने आप पार्टी से सवाल किया कि उनकी सरकार ओपीएस दिल्ली में क्यों नहीं दे रही है
इधर बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा 58 फीसदी आरक्षण रद्द होने के मुद्दे पर आज भाजपा के वरिष्ठ आदिवासियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए। इन आरोपों का जवाब देने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम राजीव भवन में पत्रकार वार्ता लेते हुए कहा कि इस फैसले के लिए रमन सरकार जिम्मेदार है। भाजपा की नियतखोरी के कारण आरक्षण के खिलाफ यह फैसला आया ।
मरकाम ने कहा कि रमन सरकार ने अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णय जिसमें इंदिरा साहनी का फैसला प्रमुख हे के अनुसार कोई भी राज्य सरकार यदि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण करती है तो अत्यंत विशेष परिस्थितियों, विचार और तथ्यों के साथ कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करती है, लेकिन रमन सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। वही कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अंतिम बहस तक तर्क प्रस्तुत किया गया। मंत्रिमंडलीय समिति के बारे में भी जानकारी दी गई। लेकिन पुराने हलफनामे उल्लेख नहीं होने के कारण अदालत ने स्वीकार नहीं किया। इस पूरे बहस में खुद महा अधिवक्ता भी मौजूद रहे।












