छपरा: शराब पर प्रतिबंध लगाने वाले बिहार के छपरा में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जहरीला पदार्थ पीने से अब तक 73 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है.
ये मौतें सारण के मशरक थाना क्षेत्र, मढ़ौरा, इसुआपुर और अमनौर प्रखंड में ही हुई हैं. मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, यह टीम पूरे मामले की जांच में लगी हुई है.
छपरा शराब मामले में बड़ा खुलासा
इन सबके बीच छपरा नकली शराब मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक नकली शराब कहीं और से नहीं आई, बल्कि थाने से गायब हो गई. इसकी जानकारी अब राज्य सरकार के पास पहुंच गई है. इसकी भी जांच की जा रही है
दरअसल, मशरक थाने में आबकारी विभाग ने बड़ी मात्रा में कच्ची स्प्रिट जब्त कर नष्ट करने के लिए रख ली थी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसे नष्ट करना भूल गए. इस स्पिरिट से बड़ी मात्रा में स्पिरिट गायब पाया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक कई ड्रमों के ढक्कन गायब हैं. ड्रमों से स्प्रिट गायब है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह शराब थाने से ही गायब हो गई है, जिससे लोगों की लगातार मौत हो रही है.
थाने से गायब स्प्रिट बनी काल
पीड़ितों ने बताया है कि यह शराब उन्होंने मशरक बाजार से ही खरीदी थी. मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की एक उच्च स्तरीय टीम भी छपरा पहुंच चुकी है, जिन्होंने थाने में रखी शराब का जायजा लिया, जहां बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गईं. यहां खुले में शराब रखी हुई थी, जिसमें से कई ड्रम गायब मिले.
मामले की जांच के लिए संयुक्त आयुक्त कृष्णा पासवान और उप सचिव उत्पाद विभाग निरंजन कुमार मशरक पहुंचे थे. हालांकि उन्होंने मीडिया से बात नहीं की. जादू मोड़ क्षेत्र के चौकीदार सहित थाने के दो चौकीदार संदेह के घेरे में हैं, जिन्हें निलंबित कर दिया गया है. जादू मोड़ और इससे जुड़े इलाकों में जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो चुके हैं. जिनमें से अब तक करीब 73 लोगों की मौत हो चुकी है.












