पिछले 9 महीने से लापता रायपुर की लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश वृंदावन जाकर पूरी हुई। जब यह युवती पुलिस को मिली तो पूरे केस में एक नई कहानी सामने आई। युवती ने आरोप लगाया है कि साल 2009 में माना के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में उसके साथ शारीरिक शोषण की कोशिश की गई। युवती ने दावा किया है कि वहां महिला आरक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। अधिकारियों की बात नहीं मानने पर छुट्टी नहीं दी जाती है और ट्रेनिंग के दौरान परेशान किया जाता है।
लेडी कॉन्स्टेबल ने इस बात की शिकायत की थी मगर मामले को दबा दिया गया। इसके बाद साल 2016 में रायगढ़ में पोस्टिंग के दौरान भी दो अफसरों ने महिला कॉन्स्टेबल को परेशान किया था। उनके खिलाफ महिला ने विभाग में कंप्लेंट भेजी। मगर विभाग की बदनामी होती देख पुलिस हेड क्वार्टर के कुछ आला अफसरों ने युवती पर ही इस्तीफा देने का दबाव बनाया और इन्हीं बातों से परेशान होकर युवती ने रिजाइन कर दिया और वृंदावन चली आई। वृंदावन में रह रही छत्तीसगढ़ की इस लेडी कॉन्स्टेबल की मानें तो इसकी शिकायतों पर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि अफसरों ने उसे ही परेशान करना शुरू कर दिया था।
दरअसल, रायगढ़ में रहने वाली युवती की मां ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। युवती रायपुर के महावीर नगर में रहती थी तो ये केस रायपुर के राजेंद्र नगर थाने की टीम के पास पहुंचा। गुमशुदा लेडी कॉन्स्टेबल को खोजते हुए रायपुर की पुलिस वृंदावन जा पहुंची। पुलिस को देख युवती ने सड़क पर ही बवाल शुरू कर दिया। सरेआम कुछ देर तक हंगामा हुआ। रायपुर की पुलिस के साथ युवती ने धक्का-मुक्की भी की। काफी देर तक समझाने के बाद वह शांत हुई। इसके बाद कैमरे पर आकर विभागीय प्रताड़ना की सारी बात बताई।








