समाजसेवी केदारनाथ अग्रवाल ने फिर उठाया प्रदूषण का मुद्दा,  सांसद, विधायक एवम्  कलेक्टर समेत स्वदेशी टीम से की चर्चा

कोरबा।  छत्तीसगढ़ राज्य बने लगभग 20 साल हो गया हैं कोेरबा जिला प्रदूषण से त्रस्त हैं जिले के अमीर से लेकर गरीब तक एवं छोटे बच्चे यहां तक कि मां-बहनो के गर्भो में पल रहें गर्भस्थ शिशु भी प्रदुषण के शिकार हो रहे हैं, जिले में औद्योगिक संस्थान बालको एल्युमिनियम प्लांट प्रदुषण बढ़ाने में अपना अहम भूमिका निभा रहा हैं प्लांट से विषैला धुंआ, राखड़, कैमिकल खुलेआम हसदेव नदी में बहाया जा रहा हैं एवं जिले के पर्यावरण को दूषित कर रहा हैं जो जिले के प्रशासनिक अधिकारी एवं निर्वाचित विधायक एवं सांसद भी, साथ में जिला पर्यावरण अधिकारी भी देख रहें हैं परन्तु ये लोग कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं करते क्योंकि औद्योगिक संस्थान इन लोगो को निजी फायदा पहुंचाता हैं ।

 

प्र्रदुषण से जिले के लोगो को स्वास्थ्य, दमा, चर्म रोग, जीव – जन्तु से लेकर मनुष्य को हो रहा हैं। जिसमें बालको प्लांट का महत्वपूर्ण भूमिका हैं। केदारनाथ अग्रवाल ने चर्चा के दौरान बताया की जिले के विधायक एवं सांसद कभी-भी 20 साल में विधानसभा लोकसभा में प्रदूषण पर प्रश्न नहीं उठाते,  जो आज तक चर्चा का विषय बना हुआ हैं।

 

जिलेे के पर्यावरण अधिकारी केवल नोटिस भेजते हैं और निजी फायदा होने के बाद नोटिस पर कार्यवाही नहीं करते। और प्रेस से चर्चा करने में कतराते हैं क्योंकि उनकी पोल खुल जायेगी। सूत्रों के अनुसार पूरे भारत देश में कोरबा जिला प्रदूषण के मामले में 5वे स्थान पर हैं। बालको के अलावा प्रदूषण बढ़ाने मेें एनटीपीसी, सीएसईबी, कोल माइन्स, लैंको पाॅवर प्लांट आदि औद्योगिक संस्थान भी अपनी सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं अभी कोरोना काल चल रहा हैं कोरोना काल में सांस की बीमारी बढ़ती जा रही हैें जिसका प्रदूषण ही कारण हैं। अगर यहां के निर्वाचित विधायक सासंद एवं कलेक्टर प्रदूषण नियंत्रण करने में बेखबर हैं जिसका खामियाजा जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा हैं कोरोना का तीसरा चरण शुरू होने वाला हैं इसमें प्रदूषण भी कोरोना को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।