कोरबा। कुसमुंडा क्षेत्र के सैकड़ों भू विस्थापित किसानों ने 31 अक्टूबर को कुसमुंडा खदान को 12 घंटों तक उत्पादन कार्य को पूर्ण रूप से ठप्प कर दिया था जिसके बाद प्रबंधन द्वारा एक माह में भू विस्थापितों की समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया लेकिन भू विस्थापित किसानों को प्रबंधन के आश्वासन पर भरोसा नहीं है क्योंकि अपनी जमीन खोने के बाद भी किसान रोजगार के लिए भटक रहे हैं और हड़ताल के दूसरे दिन से ही कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय के सामने ही रोजगार एकता संघ के बेनर तले तंबू तान कर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए आंदोलन के पहले दिन से ही माकपा और किसान सभा धरना में शामिल हो कर आंदोलन का समर्थन कर रही है आंदोलन का स्वरूप बढ़ता देख कुसमुंडा के नये महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने भू विस्थापितों को बैठक के लिए बुलाया बैठक में प्रबंधन की ओर से कुसमुंडा महाप्रबंधक संजय मिश्रा, बी के जैना, पी.एन सिंह,रमन्ना किसानों भू विस्थापितों की ओर से माकपा जिला सचिव प्रशांत झा,किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर,दीपक साहू,रोजगार एकता संघ से राधेश्याम कश्यप,दामोदर, रेशम,दीना नाथ,मोहनलाल कौशिक, चंद्र शेखर,टीकम राठौर, नरेश,गणेश,बलराम,घनाराम,हरिशंकर,रामकुमार के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित बैठक में शामिल हुए
बैठक में महाप्रबंधक संजय मिश्रा ने भू विस्थापितों की समस्या समाधान के लिए प्रबंधन और विस्थापितों की संयुक्त समिति बनाकर प्रत्येक सप्ताह मीटिंग कर कार्य प्रगति की जानकारी देने और समस्या का जल्द समाधान का प्रयास करने की बात कही और तबतक धरना प्रदर्शन समाप्त करने की अपील की जिस पर बैठक में उपस्थित सभी भू विस्थापितों ने एक स्वर में कहा कि बैठक होते रहेगी कार्य प्रगति की जानकारी के लिए लेकिन शांतिपूर्ण चल रहा धरना प्रदर्शन सभी को रोजगार मिलने तक जारी रहेगा और 30 नवंबर तक सभी को रोजगार नहीं मिलने पर 1 दिसंबर को कुसमुंडा खदान के कोयले उत्पादन को पूर्ण रूप से बंद भी किया जाएगा। तेरहवें दिन चल रहे धरना में प्रमुख रूप से अश्विनी, बादल, कृष्णा, बजरंग सोनी,अमरपाल, विशेश्वर,रामप्रसाद, दुमन, हेमंत, हेमलाल, रघुनंदन, अनिल के साथ बड़ी संख्या में भू विस्थापित किसान शामिल हुए












