4 महीने से खराब है कांटा घर, एसईसीएल को हो रहा है नुकसान

कोरबा। खनिज के अवैध परिवहन और ओव्हर लोडिंग पर नियंत्रण के लिए लगाए चार कांटाघर में से उरगा और कटघोरा के मशीन चार साल से खराब है। दोनो जगहों से बिना तौल के खनिज वाहन पार हो रहे हैं। सालाना डेढ से दो हजार करोड़ राजस्व देने वाला खनिज विभाग बजट स्वीकृति के अभाव में अपने ही कांटाघर को सुधारने में नाकाम है। कांटा घरों के सुधार नहीं होने से चोरी के कोयला और अन्य गौण खनिज के परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है।

खनिज उत्खनन में राज्यभर में सबसे अधिक राजस्व देने वाले जिले में कांटा घरों में आई खराबी के सुधार के लिए पहल नही की जा रही है। विभागीय अधिकारी से अधिक खनिज राजस्व देने के दम पर विभाग में पसरी अव्यवस्था को नजर अंदाज कर रहे हैं। जिले के सभी प्रमुख कोयला खदानों से प्रतिदिन वाहनों में लोड होकर लाखों टन कोयले सप्लाई होते हैं। कोयले के कारोबार में ऊंची कमाई होने के कारण शीर्ष स्तर के नेता से लेकर आला दर्जे के ठेकेदार भी हाथ साफ कर रहे हैं। खनिज के अवैध व ओवर लोडिंग परिवहन को नियंत्रित करने के लिए जिले के अलग-अलग मार्गों में खनिज विभाग द्वारा कांटा घरों की स्थापना की गई है। इलेक्ट्रानिक कांटाघर के तौर पर लगाए गए मापतौल यंत्र तकनीकी खराबी के कारण उपयोगहीन हो गए हैं। कुसमुंडा, गेवरा, मानिकपुर, बल्गी, दीपका, सुराकछार सहित विभिन्ना्? परियोजनाओं से ट्रक लदान के माध्यम से कोयला अंबिकापुर, बिलासपुर, चांपा मार्ग की ओर जाती हैं। इन मार्गों में निर्धारित माप के कोयला जा रही है या नहीं इस आशय से पाली, हरदीबाजार, उरगा, कटघोरा मार्ग में मापतौल कांटा घर स्थापित किया गया हैकोयले का परिवहन कोलडिपो के अलावा चिमनी व बंगला ईंट भठ्ठों के लिए की जाती है। कांटा घर के बिगड़े होने के कारण कोयले की दलाली करने वाले इसका दोहरा फायदा उठा रहे हैं। खदान में लोडिंग के समय अधिक से अधिक कोयला भरा जाता है। खदान क्षेत्र में कार्यरत मायनिंग अधकिारी व सुरक्षा गार्ड की मुठ्ठी गर्म कर पास पर्ची बनवा ली जाती है। इस तरह से बगैर तौल के ही खदान से कोयला बाहर निकाला जाता है। इधर मार्ग में खनिज कांटाघर बिगड़े होने के कारण तौल की अधिकता के संबंध में वाहन चालकों को कोई परेशानी नहीं होती। कांटाघर में उपस्थित कर्मचारियों को खदान से कोयला उठाव की पर्ची दिखाक सामान्य लोडिंग होने की पर्ची ले ली जाती है। इस तरह से ओवर लोड के कोयले आसानी से पार हो रहे हैं।कांटा घर बिगड़े होने का लाभ वाहन चालकों द्वारा उठाया जा रह है।

कांटाघर में उपस्थित कर्मचारियों को खदान से कोयला उठाव की पर्ची दिखाक सामान्य लोडिंग होने की पर्ची ले ली जाती है। इस तरह से ओवर लोड के कोयले आसानी से पार हो रहे हैं।कांटा घर बिगड़े होने का लाभ वाहन चालकों द्वारा उठाया जा रह है। खदान से ओवर कोयला का लोडिंग कर निर्धारित जगह में डंप कर दिया जाता है। जहां से छोटे वाहनों में कोयले को भर कर आसपास के गांवों में इंधन अथवा इंट भठ्ठों के लिए खपाया जाता है। वाहन चालकों को इस काम के लिए प्रतिदिन हजारों रूपये की आमदनी होती है। कांटाघर में तौल नहीं होने के कारण वाहन चालक कोयले को मनचाहे स्थानों तक पहुंचाने में सफल हो रहे हैं। वाहन चालकों के साथ इस तरह के मामलों में कोयला माफियाओं का सरगना भी सक्रिय है।