
महाराष्ट्र के सियासी संग्राम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। बागी विधायक एकनाथ शिंदे की याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बीएस पादरीवाला की बेंच ने पूछा कि आप पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर शिंदे की ओर से नीरज किशन कौल ने कहा- हमें धमकाया जा रहा है, कह रहे हैं कि शव वापस आएंगे। मुंबई में माहौल हमारे लिए ठीक नहीं।
इस केस में शिवसेना का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी रखेंगे। सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट किया जा रहा है ताकि गुवाहाटी में बैठे बागी विधायक भी इसे देख सकें।
LIVE सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में किसने क्या कहा
शिंदे गुट: डिप्टी स्पीकर के पास सदस्यता रद्द करने का जो नोटिस दिया गया है, वो संवैधानिक नहीं है। हमारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, हमें धमकाया जा रहा है और हमारे अधिकारों का हनन हो रहा है। ऐसे में हम आर्टिकल 32 के तहत सीधे सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट: आप जो धमकी की बात कह रहे हैं उसे सत्यापित करने के लिए हमारे पास कोई साधन नहीं है। डिप्टी स्पीकर के नोटिस में जो कम समय देने की बात कही है, उसे हमने देखा है। आप इस सवाल को लेकर के सामने क्यों नहीं गए?
शिंदे गुट: डिप्टी स्पीकर ने इस मामले में बेवजह की जल्दबाजी दिखाई। स्वाभाविक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया गया। जब स्पीकर की पोजिशन पर सवाल उठ रहा हो तो एक नोटिस के तहत उन्हें हटाया जाना तब तक न्यायपूर्ण और सही लगता, जब तक वे स्पीकर के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए बहुमत न साबित कर दें। जब स्पीकर को अपने बहुमत पर भरोसा है तो वे फ्लोर टेस्ट से डर क्यों रहे हैं।
शिंदे गुट: स्पीकर के पास विधायकों को अयोग्य करने जैसी याचिकाओं पर फैसला करने का संवैधानिक अधिकार होता है, ऐसे में उस स्पीकर के पास बहुमत बेहद जरूरी है। जब स्पीकर को हटाए जाने का प्रस्ताव पेंडिंग हो, तब मौजूदा विधायकों को अयोग्य घोषित कर विधानसभा में बदलाव करना आर्टिकल 179 (C) का उल्लंघन है











