कोरबा। इन दिनों सरकारी दफ्तरों में सेवा में जीएसटी चोरी का ट्रेंड चल रहा हैं। जी हां सीएमएचओ कार्यालय में वर्क किसी और फर्म को मिला है और काम और फर्म करा रहा है। इसमें मजे वाली बात ये है सर्विस का काम करने वाला फर्म भी कंपोजिशन में चल रहा हैं। मतलब सरकारी विभाग में बड़े षड़यंत्र के साथ जीएसटी चोरी का एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है।
हम बात सेवा और लोगो की सेहत से जुड़े विभाग की कर रहे हैं। आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों को देखने से साफ है कि विभाग के ठेकेदारों के साथ विभागीय अधिकारी सांठगांठ कर जमकर जीएसटी चोरी कर रहे हैं। यही नहीं विभाग में सेटिंग के बाद एक दफ्तर से कई फर्म संचालित हो रहे हैं। जिससे समय के साथ बिल भी बदला जा सके और सरकारी रकम को हजम किया जा सकें। हालांकि इसकी जानकारी विभाग के उच्च अधिकारी को नही होने की बात कही जा रही हैं लेकिन जिस प्रकार से लंबे समय से टैक्स चोरी का खेल चल रहा हैं, उससे उच्च अधिकारियों की सांठगांठ से इंकार नही किया जा सकता। बहरहाल आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजो का पुलिंदा मुख्य सचिव को भेज कर कार्यवाही करने की मांग की जा रहीहैं।
जीएसटी चोरी के मामले में अकेले स्वास्थ्य विभाग नही हैं। सबसे बड़ी जीएसटी की चोरी मनरेगा में है। ग्रामीण अंचलों में होने वाले कार्यो की सामग्री सप्लाई के लिए बिल प्रस्तुत करना रहता हैं। जिसमें ज्यातर बिल विभाग में बैठे प्रभावशाली अधिकारी या कर्मचारी का होता हैं। जो जीएसटी पर डंडी मारते हुए सारा मुनाफा अपने जेब मे भर रहे हैं। हर साल होने वाले जिले के कामों की बात करें तो करोड़ो की सामग्री खरीदी होती है, जिसमें लाखो रुपयों की जीएसटी चोरी की जा रही हैं












