बिलासपुर. देश में कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। अस्पताल में आईसीयू और आक्सीजन बेड तैयार है। अस्पतालों में तैयारी को लेकर मंगलवार को मॉकड्रिल भी किया गया और इस दौरान कई खामियां भी मिली। इस दौरान अस्पताल स्टाफ से कोरोना के पहली और दूसरी लहर की स्थिति पर चर्चा की। उस समय अस्पताल में मरीज दहशत में थे और उन्हें आक्सीजन तो दूर बेड तक नहीं मिल रहा था। उन दिनों को याद कर अस्पताल स्टाफ भी सिहर उठते हैं। उनकी यही कामना है कि भगवान करे वो दिन न आए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से निपटने लोगों को अभी से एहतियात बरतने की अपील की है।
कोरोना के नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। लिहाजा, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था और अस्पतालों में तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र से मिले निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला अलर्ट हो गया है। संभागीय कोविड अस्पताल और सिम्स सहित ऑक्सीजन बेड वाले अस्पतालों को फिर से व्यवस्थित किया जा रहा है।

मॉकड्रील में मिली कई खामियां, लिफ्ट में फंसे CMHO
केंद्र और राज्य शासन से मिले निर्देशों के बाद बिलासपुर में भी स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में तैयारी शुरू कर दी है। संभागीय कोविड वार्ड के सभी आईसीयू बेड को दुरुस्त किया गया है। मंगलवार को CMHO डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल में मॉकड्रील शुरू होने से पहले व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान वे यहां लिफ्ट में फंस गए। दरअसल, यहां मरीजों के लिए लगाए लिफ्ट खराब मिला। उन्होंने तत्काल लिफ्ट को सुधारने के निर्देश दिए और खुद सीढ़ी से चढ़कर वार्ड में पहुंचे।

अफसरों ने सुविधाओं का लिया जायजा, ऑक्सीजन बेड भी तैयार करने के दिए निर्देश
मंगलवार को जिला पंचायत सीईओ जैनश्री जैन सहित जिला प्रशासन ने अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल में तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मॉकड्रील किया। जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में 32 आईसीयू बेड के साथ प्राइवेट वार्ड भी तैयार है। यहां कैंपस में तीन ऑक्सीजन प्लांट को व्यवस्थित रूप तैयार कर लिया गया है। निरीक्षण के दौरान अफसरों ने अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा आक्सीजन बेड तैयार रखने के निर्देश दिए।

स्टाफ बोले- बेड नहीं मिलने पर तड़पते थे मरीज, रोज निकलती थी लाशें
कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ- 7 के आने के साथ ही अस्पताल की तैयारियों के साथ ही कोरोना के उस भयावह दौर को लेकर अस्पताल स्टाफ से बातचीत की। उस दौर को याद कर अस्पताल स्टाफ भी सिहर उठते हैं। कोरोना के उस कठिन दौर में ड्यूटी करने वाले स्टाफ कई महीनों तक अपने घर नहीं जा रहे थे और परिवार से दूर रहते थे। ताकि, संक्रमण परिवार के सदस्यों तक न पहुंच पाए। वहीं, अस्पताल में आने वाले मरीजों के मन में दहशत और खौफ नजर आता था। अस्पताल में सभी बेड फूल थे। मरीजों को ट्राली में लेटा कर आक्सीजन दिया जाता था। वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की कमी की वजह से अस्पताल से मरीजों को रेफर करना पड़ता था या फिर तड़प-तड़प कर उनकी मौत हो जाती थी। उन्होंने बताया कि हमारी कोशिश थी कि हम बेहतर उपचार कर सके और सभी मरीजों की जान बचा सके। भगवान करे वह दौर कभी न आए। इसके लिए लोगों को खुद से अभी से सावधानी बरतनी चाहिए और अपने और परिवार के सदस्यों का ख्याल रखना चाहिए।

डीन बोले- स्टाफ अलर्ट, अभी चिंता की बात नहीं
सिम्स के डीन डा. केके सहारे का कहना है कि कोरोना को लेकर सिम्स प्रबंधन अलर्ट है। यहां सभी तैयारियां की जा रही है। वायरोलॉजी लैब में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। वर्तमान में चिंता की कोई बात नहीं है।
