महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर टाइफाइड फैला; टेंट में मरीजों का इलाज, स्टैंड नहीं मिला तो लकड़ी पर बांधकर ड्रिप चढ़ाई

knn24news/ महाराष्ट्र के नंदुरबार से 15 किलोमीटर दूर है शिवपुर गांव। गांव में दाखिल होते ही रिक्शों और जीपों और कारों का जमावड़ा दिखता है। आगे बढ़ने पर हर ओर मरीज लेटे नजर आते हैं। कहीं टेंट में तो कहीं पेड़ों के नीचे। पेड़ों से सेलाइन की बोतलें लटकी हुई हैं। मरीजों के आस-पास कुछ डॉक्टर और नर्स भी दिखते हैं। ये मरीज कोरोना संक्रमित नहीं है। यहां टाइफाइड ने जिंदगी बेहाल कर दी है।

महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा से लगे 10-12 गांवों को इस बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। कोरोना के बीच इस बीमारी की आहट ने लोगों को परेशान कर दिया है, वो बेहद डरे हुए हैं।

अस्पतालों में बेड कोरोना मरीजों से भरे हैं। ऐसे में धानोरा जैसे प्राइमरी हेल्थ सेंटर में आ रहे मरीजों का इलाज खुले में या फिर टेंट में करना पड़ रहा है। डॉ. नीलेश वलवी बताते हैं कि 15 दिन में टाइफाइड के 900 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं।

गुजरात के सायला, मोगरानी, टाकली, भिलभवाली, नासेरपुर और महाराष्ट्र के पिपलोद, भवाली, वीरपुर, लोय गांवों से लगातार सैकड़ों मरीजों के आने का सिलसिला जारी है।