
पूर्व विधायक एवं सांसद रहीं करुणा शुक्ला जी जिन्हें राजनीति की बहुत उचाईयों पर होना था, आज वे हमारे बीच नहीं रहीं। कुशल राजनेता, तेज़ तर्रार छवि और कभी अन्याय बर्दाश्त नही करना करुणा शुक्ला जी का स्वभाव था। विकास,सुनील,मनोज,अनूप,पंकज,अजय उनको याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
करुणा शुक्ला का जीवन परिचय
1 अगस्त 1950 के दिन ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला का जन्म हुआ था। 32 साल भाजपा में रहने के बाद उन्होंने अचानक कांग्रेस का दामन थाम लिया था। करूणा को पार्टी में लाने के लिए अजीत जोगी की अहम भूमिका बताई जाती है। भोपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद करुणा शुक्ला ने राजनीति में कदम रखा था।उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा में रहते हुए बेस्ट एमएलए का खिताब भी मिला था। 1982 से 2014 तक भाजपा में रहीं करुणा शुक्ला ने 2014 में कांग्रेस ज्वॉइन की। लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाईं।
राजनीतिक करियर
करुणा 1993 में पहली बार विधानसभा सदस्य चुनी गईं। 2004 के लोकसभा के चुनावों में करुणा ने भाजपा के लिए जांजगीर सीट जीती थी। लेकिन 2009 के चुनावों में करुणा कांग्रेस के चरणदास महंत से हार गईं थीं। पूरे छत्तीसगढ़ में करुणा ही भाजपा की एकमात्र प्रत्याशी थीं जो चुनाव हारी थीं। बाकी के राज्य की सभी सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। भाजपा में रहते हुए करुणा कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं जिनमें भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद भी है।










