करीब 1 लाख 19 हजार एक्टिव कोरोना पेशेंट और 8 हजार 581 मौतों से थर्राया छत्तीसगढ़ इस महामारी से बचने के सारे उपाय कर रहा है। इसके लिए प्रदेश में सिर्फ अप्रैल माह में ही दो बार लॉकडाउन बढ़ाया जा चुका है और इसे तीसरी बार भी बढ़ाने की तैयारी चल रही है। बताया जा रहा है कि सीएम हाउस से जिलों के प्रभारी मंत्रियों से कहा गया है कि वे कलेक्टर से लगातार चर्चा करें, जिलों के हालात की समीक्षा करें और जहां जरूरी है वहां लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लें। समझा जा रहा है कि 3 मई का दिन इस निर्णय के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन फैसला होगा कि कहां कितने दिन का लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा।
तीसरी बार लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला सरकार की रजामंदी से कलेक्टर इसलिए ले सकते हैं क्योंकि प्रदेश के स्तर पर केसेस में गिरावट नहीं है। तीन बड़े जिलों रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव में जरूर मरीज कम हुए हैं, लेकिन बाकी जिलों में हालात नहीं संभल रहे हैं। कल 30 अप्रैल को 22 दिन के लॉकडाउन के बाद भी प्रदेश में 14 हजार 994 मरीज मिले हैं। 200 से अधिक मौतें भी हुई हैं। प्रदेश में अभी भी कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर नहीं हैं। अस्पताल के बाहर दाखिले का इंतजार करते मरीजों की भीड़ है। लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला सरकार को इसलिए भी लेना पड़ेगा, क्योंकि इस समय कोरोना का हॉटस्पाट गांव व छोटे जिले हो रहे हैं। कांकेर, जशपुर, कोरिया, महासमुंद जैसे छोटे-छोटे जिलों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है और आंकड़ें रोज 5 सौ के पार जा रहे हैं, जबकि यहां टेस्टिंग अभी उस रफ्तार से हो नहीं रही है। यहां मौतों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐेसे तकरीबन सभी छोटे जिलों में मरीज बढ़ रहे हैं और वहां पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं है, लिहाजा इस स्थिति को कंट्रोल करने के लिए सरकार को एक और लॉकडाउन लगाना ही होगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक 3 मई को मुख्यमंत्री कलेक्टर्स को फिर कह सकते हैं कि वे अपने जिलों के हालात को देखते हुए फैसला लें। ऐसे में कहा जा रहा है कि अधिकांश जिलों में 15 तारीख तक लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है।
प्रदेश में मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल में कोरोना मरीजों की संख्या और उससे होने वाली मौतों ने सरकार को मजबूर कर दिया कि वह पूर्ण लॉकडाउन का निर्णय ले। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टर को अधिकार दे दिए कि वे अपने जिलों में लॉकडाउन का निर्णय ले सकते हैं। इसके बाद तकरीबन सभी जिलों में पहला लॉकडाउन 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक का लगाया गया। उम्मीद थी कि 10 दिन में हालात सुधरेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब मरीजों की संख्या और मौतों की संख्या लगातार बढ़ने लगी तो सरकार ने लॉकडाउन 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया, लेकिन इस समय तक मरीजों की संख्या 17 हजार रोज तक पहुंच गई थी और मौत 250 के पार। ऐसे में सरकार ने दूसरी बार लॉकडाउन बढ़ाया और 5 मई तक सब बंद की घोषणा कर दी।













