आकाश गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, वीर शिवाजी वेलफेयर सोसाइटी छत्तीसगढ़ के द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया जिसमें उन्होंने बालको प्रबंधक के ऊपर आरोप लगाया की बालको प्रबंधन जो कि इस कोरोना महामारी के समय स्थानीय लोगों की मदद करने के बजाय सिर्फ दिखावा करती फिर वही है । जिसकी जानकारी कुछ बिंदु वार है
➡️ 1) बालको प्रबंधन द्वारा की जा रही है वार्डों में सैनिटाइजिंग जो कि सिर्फ दिखावा है प्रबंधन द्वारा जो गाड़ियां सैनिटाइजिंग हेतु चलाई जाती है जिसमें सैनिटाइजर के नाम पर सिर्फ पानी और सिर्फ पानी होता है 5 से 10 परसेंट ब्लीचिंग पाउडर उसने मिल जाए तो बहुत है।
वह भी ऐसे छिड़काव किया जा रहा है मानो मुंह में पानी लेकर कुल्ला किया जा रहा हो जिसकी वीडियो बनाकर मैंने रख है।
सवाल- क्या 500 लीटर पानी में सौ ग्राम ब्लीचिंग पाउडर घोलकर इस वायरस को खत्म किया जा सकता है।
या प्रॉपर सेनीटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए।
➡️ 2) बालको प्रबंधन के द्वारा यह कहा जाता है कि हमने वैक्सीनेशन एवं कोरोना जांच हेतु संपूर्ण व्यवस्था कर रखी है परंतु बालको प्रबंधन अपने स्वयं के ठेका कर्मियों के परिजनों से वैक्सीनेशन के नाम पर पैसे वसूलती है एवं जांच के नाम पर लोगों को गुमराह किया जाता है।
क्योंकि बालको प्रबंधन कि हॉस्पिटल द्वारा प्रतिदिन सिर्फ 100 लोगों की ही जांच की जाती है बाकी लोगों को दूसरे दिन आने को कहा जाता है।
सवाल- 1) क्या कोरोनावायरस किसी व्यक्ति को है तो वह उस व्यक्ति को दूसरे दिन तक मौका देगा कि वह उस संक्रमित व्यक्ति को और अधिक बीमार नहीं करेगा।
2) क्या वैक्सीनेशन के नाम पर श्रमिकों के परिजनों से पैसे वसूले जाने चाहिए।
3) क्या बालको प्रबंधन को उनके स्वयं के द्वारा गोद लिए गए गांवों मैं निशुल्क वैक्सीनेशन एवं निशुल्क कोरोनावायरस हेतु व्यवस्था नहीं करनी चाहिए।
➡️ 3) बालको प्रबंधन द्वारा पिछले साल जरूरतमंद परिवारों को सूखे राशन एवं भोजन की व्यवस्था कराई गई थी जिस की गाथा बालको प्रबंधन आज भी गाता है।
सवाल- बालको प्रबंधन जिसने अपने स्थानीय लोगों के विकास एवं सहायता का बिडा उठाया है इस कोरोना काल में क्या उन्हें इस साल पुनः लॉकडाउन लगाए जाने के पश्चात अपने स्थानीय लोगों जिनकी कमर पिछले साल से लेकर अब तक पूर्ण रूप से टूट चुकी है उन्हें पुनः राशन वितरण कर उनका सहयोग करना नहीं था।
➡️ 4) बालको प्रबंधन जो कि यह कहते फिरता है कि उसने कोरोना से निपटने हेतु अपने कोल्ड सेंटर में उपयुक्त व्यवस्था कर रखी है ।
सवाल- क्या वाकई में बालको प्रबंधन ने कोरोना से लड़ने हेतु अपने कोवीड सेंटर में उपयुक्त बैडो की व्यवस्था कर रखी है जितनी मात्रा में उनके स्वयं के श्रमिक संक्रमित हो रहे हैं क्या उन्हें अपने कोविड सेंटर में रखकर उपचार करने हेतु उनके पास पर्याप्त व्यवस्था है।
और अगर है तो वह अपने संक्रमित मजदूरों को अपने ही कोविड- सेंटर में रखकर उपचार क्यों नहीं करते उन्हें जिले के अन्य अस्पतालों में जाकर क्यों परेशान होना पड़ रहा है और क्यों उनकी जाने लगातार जा रही हैं।
बालको प्रबंधन अपने स्वयं के मजदूर कोरोना से लड़ने हेतु व्यवस्था नहीं कर पा रही तो क्या वह स्थानीय लोगों को इस महामारी से कैसे बचाएं गी।
बालको प्रबंधन उपरोक्त चीजों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें दिखावा ना करें प्रैक्टिकली काम करने वालों को कभी भी अपने स्वयं की प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता नहीं होती












