कोरबा: न्यायालयीन कार्यों में गैर-लाइसेंसी व्यक्तियों की दखल बनी चिंता का विषय

कोरबा, 24 अक्टूबर 2024: कोरबा जिले के विभिन्न तहसील मुख्यालयों में न्यायालयीन कार्यों के बीच गैर-लाइसेंसी और अनधिकृत व्यक्तियों की बढ़ती दखल एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इन व्यक्तियों की मौजूदगी से न केवल सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है, बल्कि आम जनता से अवैध रूप से धन ऐंठने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। यह समस्या कोरबा, करतला, कटघोरा, पाली और पोड़ी-उपरोड़ा समेत कई तहसीलों में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है।

गैर-लाइसेंसी व्यक्तियों की गतिविधियां

इन गैर-लाइसेंसी व्यक्तियों की दखल दस्तावेज लेखन, शपथ पत्र निर्माण, और स्टाम्प बिक्री जैसे कार्यों में देखी जा रही है। इससे न्यायालयीन प्रक्रियाओं में अनावश्यक बाधा उत्पन्न हो रही है और लोगों को न्याय प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सख्त कार्रवाई की गई

हाल ही में पोड़ी-उपरोड़ा तहसील के तहसीलदार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई की। अधिवक्ता संघ कटघोरा के अध्यक्ष द्वारा तहसील परिसर में अवैध रूप से कार्यरत छह व्यक्तियों की शिकायत के बाद तहसीलदार ने जांच का आदेश दिया। जांच के दौरान पाया गया कि राजकुमार, दर्शनदास, गंभीरदास, और बसंतसिंह तंवर के पास दस्तावेज लेखक, अर्जी लेखक, स्टाम्प वेंडर, या अधिवक्ता लिपिक का कोई वैध अनुज्ञप्ति नहीं था।

सुदर्शन कुमार जायसवाल, जो स्टाम्प वेंडर के रूप में कार्य कर रहे थे, ने भी अवैध रूप से टाइपराइटर का उपयोग कर शपथ पत्र और आवेदन पत्र तैयार किए जाने का दोष स्वीकार किया।

तहसीलदार का आदेश

तहसीलदार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर इन सभी व्यक्तियों को तुरंत प्रभाव से तहसील परिसर में न्यायालयीन कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया है। यह कदम न केवल गैर-लाइसेंसी व्यक्तियों की दखल को रोकने के लिए उठाया गया है, बल्कि न्यायालयीन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।