knn24news/ राज्य सरकार ने शराब की ऑनलाइन डिलीवरी मई से शुरू कर दी है। अब स्थिति यह है कि शराब की डिमांड राेज बढ़ रही है। इसके कारण डिलीवरी ब्वॉय ऐसी गड़बड़ी कर रहे हैं कि लाेगाें के घर में बवाल हाे रहा है। दरअसल शराब जिसने मंगवाई है, उसके हाथ में देने की बजाय परिवार के अन्य सदस्याें के हाथ में शराब दे दी जा रही है। दूसरी ओर आर्डर बढ़ने के कारण चाैक-चाैराहाें पर आसपास के ग्राहकाें काे एकसाथ एक जगह पर शराब लेने बुलवा रहे हैं।
ऑनलाइन शराब डिलीवरी काे लेकर राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है। वहीं अब हर वर्ग की महिलाओं ने भी अब उसे काेसना शुरू कर दिया है। एक निजी स्कूल में शिक्षिका ने बताया कि पिछले सवा साल से उसे पगार भी कटकर मिल रही है, वहीं तीन-चार माह की पगार एकसाथ मिलती है। दूसरी तरफ पति की जाॅब छूट गई है। वे एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सुपरवाइजर थे। अब उनका घर चलाना कठिन हाे रहा है। ऐसे में पति काे शराब की लत लग गई है।
ऑनलाइन डिलीवरी शुरू हाेते ही वे मेरे बैंक अकाउंट की बचत काे शराब में फूंक रहे हैं। एक घर में मेड का काम करने वाली महिला ने बताया कि पिछले एक साल से लाॅकडाउन के अरसे के दाैरान उसके बाइक मैकेनिक पति घर पर ही बैठें हैं। शराब पीने के वे पहले से आदि हैं। इधर राशन दुकान में लाइन भी मुझे लगानी पड़ती है और चार-चार घराें में काम कर मैं अपना घर चलाती हूं। सरकार काे चाहिए था कि शराब भी बंद रखती, लेकिन कुछ और मिले न मिले, शराब घर -घर पहुंचा रही है।
हम जैसे गरीबाें का जीन दूभर हाे गया है। ऐसे ही कई और किस्से हैं, जिसमें विशेष रूप से घर की मेहनतकश महिलाएं परेशान हैं। इधर सहायक आयुक्त आबकारी गंभीर सिंह निरूटी ने बताया कि 10 तारीख से ऑनलाइन ऑर्डर शुरू हुए जिले की 37 में से 29 दुकानाें से शराब ऑनलाइन डिलीवरी हाे रही है। पहले दिन पाेर्टल पर इतने हिट हुए कि वह क्रेश हाे गया।
इसके कारण 436 ऑर्डर पर 92030 की शराब बिकी, लेकिन अगले ही दिन से यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। 11 मई काे 15 लाख 56 हजार, 12 मई काे 18 लाख 17 हजार, 13 मई काे 18 लाख 25 हजार रुपए की शराब बिकी। वहीं 10 मई की तुलना में ऑनलाइन ऑर्डर की संख्या भी 4 गुना बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन 1500 ऑर्डर डिलीवर किए जा रहे हैं, जिसके लिए लगभग 150 डिलीवरी ब्वॉय हैं। उन्हाेंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार काम करने हम सभी बाध्य हैं।
इधर… सरकारी की शराब घर पहुंचाने की सुविधा से गृहणियों में बढ़ता जा रहा गुस्सा
फ्लैट नंबर 6 व 9 का फर्क, पत्नी गुस्सा
शहर के एक पाॅस अपार्टमेंट के रहने वाले एक निजी कंपनी के अधिकारी ने बताया कि वे शराब नहीं पीते हैं। दाे दिन पहले वे इवनिंग वाॅक से घर आए तब पत्नी नाराज थी। उसने आपा खाेते हुए कहा कि अब लाॅकडाउन में शराब भी मंगवा रहे हाे, मैं हैरान हो गया। बाद में साफ हुआ कि हमारे फ्लैट और और उसी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर के अंतिम अंक में डिलीवरी ब्वॉय ने 6 और 9 अंक गफलत कर दी गई थी।
चाैराहे पर बुला रहे डिलीवरी बाॅय
निहारिका क्षेत्र में रहने वाले एक युवा ठेकेदार ने बताया शराब डिलीवरी करने वाले लड़काें पर अब काम का बाेझ बढ़ गया है। उसने मुझे कल घंटाघर चाैक पर बुलाया, जबकि काॅलाेनी में मेरा मकान अासानी से मिल जाता। मैंने उसे कई बार समझाया कि गूगल मैप में पता डालकर आओ, लेकिन वह घंटाघर चाैक आकर सामान ले जाने की जिद पर अड़ा रहा। वहां पहुंचने पर देखा कि दाे लाेग अपना सामान लेकर जा रहे थे और भी लोग पहुंच रहे थे।
दरवाजा खोलते ही बेटे को दी शराब
एक उपक्रम के रिटायर्ड अधिकारी ने अपना किस्सा बताया। शराब उन्हाेंने ऑर्डर की थी, वे दाेपहर काे अाराम कर रहे थे। डिलीवरी ब्वाॅय घर पहुंचा और उसने शराब की बाेतल बेटे के हाथ में दे दी, जबकि घर में मेरे पिता भी साथ रहते हैं और आम ताैर पर घर में शराब नहीं आती। उन्होंने आबकारी अफसरों काे सुझाव दिया है कि जिसका ऑर्डर है, उसे काॅल कर उसी के हाथ में डिलीवरी दें, दरवाजा खटखटाकर किसी को न साैंपें शराब।
घर की बजाय दूसरी जगह बुला रहे युवा
शराब की लत के शिकार युवा अपने घर पर चाेरी छिपे नशा करते हैं। ऑनलाइन डिलीवर शुरू हाेते ही उन्हें अपनी तलब पूरी करने का माैका मिल गया है। चूंकि घर से ये चाेरी छिपे नशा करते हैं, साे वे अपने घर की बजाय किसी और पते पर शराब मंगावाकर अपने दाेस्ताें के साथ इकठ्ठे हाेकर नशाखाेरी कर रहे हैं।











