बिलासपुर, 8 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ में सड़कों पर बर्थडे सेलिब्रेशन, स्टंटबाजी और वायरल वीडियो बनाने की घटनाओं पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि सड़कें किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं और इस तरह की हरकतें कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं।
मुख्य सचिव के शपथपत्र पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने पूछा कि इन घटनाओं पर किस तरह की जांच हुई और क्या नतीजे सामने आए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि अमीरजादों पर पुलिस की मामूली कार्रवाई समाज में गलत संदेश देती है और यदि संतोषजनक रिपोर्ट पेश नहीं की गई, तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
नेशनल हाईवे पर रील्स बनाने का मामला
20 जुलाई 2025 को कुछ रसूखदार युवकों ने नई कार खरीदने के बाद रील्स बनाने के लिए नेशनल हाईवे जाम कर दिया था। कारों को बीच सड़क पर खड़ा कर तेज रोशनी और वीडियोग्राफी का इंतजाम किया गया, जिससे लंबा जाम लग गया और आम जनता परेशान रही। पुलिस ने शुरुआती कार्रवाई में केवल ₹2000 का जुर्माना लगाया, लेकिन हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद FIR दर्ज की गई।
सनरूफ खोलकर सेल्फी का मामला
रायपुर में एक अन्य मामले में युवक चलती कार के सनरूफ से बाहर निकलकर सेल्फी और वीडियो बनाते नजर आए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस पर भी कोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की और पुलिस से पूछा कि इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकत पर क्या कार्रवाई की गई है।