कोरबा कहने को पावर सिटी है। लेकिन यहां की बिजली व्यवस्था भगवान भरोसे है। हल्की हवा चलने पर भी बिजली काट दी जाती है। बावजूद शहर के कुछ क्षेत्रों में स्पॉट बिलिंग पहले से बंद हो गई थी, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन के चलते पूरे जिले में कहीं भी मीटर की रीडिंग नहीं किया जा सका। अब एवरेज बिल के कारण खपत से अधिक बिजली बिल को देखकर कई लोगों की नींद उड़ गई है।आईटीआई रामपुर निवासी श्रीनिवास राव ने बताया कि उनके घर का बिजली बिल हर माह 700 से 800 तक आता है, लेकिन पिछले 2 माह से रीडिंग नहीं हुई है और विभाग ने एक साथ 2 माह का 7 हजार रुपए एवरेज बिजली बिल भेज दिया है। पथर्रीपारा निवासी राकेश कुमार ने बताया कि उनके यहां 400 से 500 का बिजली बिल आता है, लेकिन इस बार 1200 रुपए तक बिजली बिल भेजा गया है। इसी तरह कई अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की समस्या है।उनको ये चिंता है कि अगर आगे इसका सुधार नहीं हाेगा ताे उनकाे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। ऐसे समय में जब लाॅकडाउन के चलते लाेगाें के काम धंधे बंद रहे हैं। अधिकांश लाेगाें ने बिजली बिल ही जमा नहीं किया है। लाॅकडाउन में लाेगाें काे सभी तरफ से झटके लगे हैं ताे दूसरी तरफ बिजली बिल से परेशानी बढ़ गई है। ज्यादा बिजली बिल आने के कारण भी बड़ी संख्या में लाेग बिजली बिल भी जमा नहीं कर पाए हैं।इधर बिजली वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं को लाॅकडाउन की अवधि में यह जरूर राहत दी है कि उपभाेक्ता अगर ड्यू डेट तक बिजली बिल जमा नहीं करेंगे ताे उसकाे बिजली बिल पर पेनाल्टी या सरचार्ज नहीं लगेगा, लेकिन यह राहत नाकाफी है।













