एसईसीएल कुसमुंडा खदान में नियमविरोधी ब्लास्टिंग से ग्रामीणों में आक्रोश, पांच गांव प्रभावित, घरों में आई दरारें, मुआवजे और पुनर्वास की मांग को लेकर अधिकारियों को घेरा

कोरबा | 16 सितंबर – एसईसीएल (SECL) की कुसमुंडा खदान में मंगलवार सुबह 8:15 बजे की गई ब्लास्टिंग ने एक बार फिर कोरबा जिले के ग्रामीणों को नाराज कर दिया है। ब्लास्टिंग का लाइव वीडियो सामने आने के बाद मामला और गरमा गया है। जटराज, सोनपुरी, पाली, पडनिया समेत आसपास के कुल 5 गांव इस विस्फोट से प्रभावित हुए हैं। कई घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों में भय और गुस्सा दोनों है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि यह ब्लास्टिंग नियमों के खिलाफ की गई है। नियमानुसार, ब्लास्टिंग दोपहर 2 बजे के बाद की जानी चाहिए थी और उसके पहले 3 किलोमीटर के दायरे को खाली कराना अनिवार्य होता है। लेकिन न तो समय का पालन किया गया और न ही क्षेत्र खाली कराया गया। इससे एक घर में दीवारों में दरारें आ गईं।

 

अधिकारियों को ग्रामीणों ने घेरा

 

घटना के बाद जब एसईसीएल और प्रशासन की टीम हरदीबाजार हॉस्पिटल मोहल्ले में जमीन की नापजोख के लिए पहुंची, तो ग्रामीणों ने घेराव कर विरोध जताया। लोगों ने कहा कि बिना सहमति के नापी शुरू कर दी गई, जबकि पहले त्रिपक्षीय बैठक में सात सूत्रीय मांगें रखी गई थीं, जिनमें मुआवजा, नौकरी और पुनर्वास की सुविधाएं शामिल थीं।

 

मौके पर सरपंच लोकेश्वर कंवर, पूर्व विधायक पुरुषोत्तम कंवर और भाजपा जिला मंत्री अजय दुबे भी मौजूद रहे। टीम को भारी विरोध के चलते पीछे के रास्ते से दीपका हाउस लौटना पड़ा।