Maharashtra Elections: चुनाव आयोग आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में देगा बड़ा बयान, बदल सकता है महाराष्ट्र का राजनीतिक समीकरण

Maharashtra Elections मुंबई, 04 नवंबर| महाराष्ट्र में स्थानीय लोकतंत्र की दिशा में बड़ा कदम उठने जा रहा है। राज्य चुनाव आयोग (Maharashtra State Election Commission) आज दोपहर 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा, जिसमें लंबे समय से अटके हुए स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा होने की संभावना है।

राज्य में इन चुनावों को लेकर काफी समय से असमंजस बना हुआ था। वार्ड परिसीमन (Ward Delimitation) और ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) से जुड़ी कानूनी व प्रशासनिक दिक्कतों के चलते यह प्रक्रिया बार-बार टलती रही। अब आयोग ने सभी जरूरी औपचारिकताएँ लगभग पूरी कर ली हैं, और संकेत मिल रहे हैं कि पहले चरण में 246 नगरपालिकाओं और 42 नगर पंचायतों के चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है।

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चुनावों में देरी क्यों हुई थी?

महाराष्ट्र में पिछले दो सालों से कई नगरपालिकाएं और नगर पंचायतें प्रशासकों के नियंत्रण में चल रही हैं।

  • वार्ड पुनर्गठन का कार्य कई बार अधूरा रह गया था।

  • ओबीसी आरक्षण से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। अदालत ने आयोग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि आरक्षण प्रक्रिया त्रिस्तरीय टेस्ट (Triple Test Formula) के तहत हो।

  • इसके चलते चुनाव की तारीखें बार-बार आगे बढ़ती रहीं।

अब आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार से मिले नवीनतम डाटा और कानूनी मंजूरी के बाद यह प्रक्रिया फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।

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आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या हो सकता है एलान?

सूत्रों के अनुसार, आयोग आज की प्रेस मीट में:

  1. पहले चरण के चुनाव कार्यक्रम (Election Schedule) की घोषणा कर सकता है।

  2. वार्ड परिसीमन और आरक्षण सूची को सार्वजनिक कर सकता है।

  3. नगरपालिकाओं व नगर पंचायतों की संख्या और मतदान तिथियों का विस्तृत विवरण दे सकता है।

  4. नामांकन, स्क्रूटनी और मतदान की संभावित तारीखों का रोडमैप जारी किया जा सकता है।

  5. चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू करने की तिथि का भी एलान संभव है।

आयोग की प्राथमिकता – पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव

राज्य चुनाव आयुक्त ने हाल ही में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव “लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने का माध्यम” हैं। आयोग का लक्ष्य है कि प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रहे।इसके लिए सभी राजनीतिक दलों, प्रशासनिक इकाइयों और आम नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है।