बलरामपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां की अधीक्षिका ने छात्राओं से मजदूरों जैसा काम करवाया। छात्राओं को राशन दुकान में चावल की भारी बोरियां ढोते हुए देखा गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया।
घटना का विवरण
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना वाड्रफनगर स्थित पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास की है, जहां 9वीं से 12वीं तक की छात्राएं रहती हैं। अधीक्षिका ने छात्राओं को पढ़ाई से हटाकर शारीरिक श्रम वाले कार्यों में लगाया। वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्राएं यूनिफॉर्म में सिर पर भारी चावल की बोरियां उठाकर ढुलाई कर रही हैं, जबकि आसपास कोई जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि छात्रावास में लंबे समय से व्यवस्थाओं की लापरवाही की शिकायतें मिल रही थीं। लेकिन छात्राओं से जबरन श्रम करवाने का यह मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई।
प्रशासन की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया। कई लोग इसे छात्राओं के अधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं और अधीक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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जिला शिक्षा अधिकारी और समाज कल्याण विभाग ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
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प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि वीडियो की पुष्टि होती है, तो अधीक्षिका के खिलाफ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
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छात्राओं की सुरक्षा और पढ़ाई के अधिकारों की रक्षा के लिए अधिकारियों ने सतर्कता बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
शिक्षा और बाल संरक्षण कानून के विशेषज्ञों का कहना है कि छात्राओं को श्रम कार्य में लगाना नियमों का उल्लंघन है और यह बाल अधिकार कानूनों का भी सीधा उल्लंघन माना जाता है। ऐसे मामलों में शिक्षा विभाग को समय रहते कड़ा कदम उठाना जरूरी होता है।









