अंबिकापुर (छत्तीसगढ़)। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला सुनीता सिंह (35) की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। महिला का एक ही दिन में दो बार ऑपरेशन किया गया था। पहले सिजेरियन ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया, लेकिन अगले दिन टांके से ब्लड आने पर महिला का यूट्रस (गर्भाशय) निकाल दिया गया। इसके बाद महिला की हालत बिगड़ने पर उसे रायपुर रेफर किया गया।
एम्स में भर्ती नहीं, लौटते समय हुई मौत
महिला को रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल से एम्स भेजा गया। एम्स ने बताया कि बेड उपलब्ध नहीं है, इसलिए भर्ती नहीं किया जा सका। वापसी के दौरान महिला की मौत हो गई। परिजन डॉक्टरों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं।
हॉस्पिटल ने लापरवाही से किया इनकार
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के गायनिक वार्ड के HOD ने बताया कि महिला की बच्चेदानी ढीली हो गई थी और पेट में खून जम गया था। जान बचाने के लिए दोबारा ऑपरेशन कर यूट्रस निकालना पड़ा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर पूरी तरह से प्रयासरत थे और लापरवाही का कोई मामला नहीं है।
मामले का क्रम
जानकारी के अनुसार, बलरामपुर जिले के त्रिकुंडा थाना क्षेत्र की कृष्णनगर निवासी सुनीता सिंह 9 महीने की गर्भवती थीं। 4 दिसंबर को मितानिन संगीता सिंह ने उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगड़ा ले जाया। जांच के बाद महिला को बलरामपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां बच्चे और मां के स्वास्थ्य को देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया।
सुनीता सिंह को 4 दिसंबर की रात रात 1:30 बजे सिजेरियन ऑपरेशन किया गया और स्वस्थ बच्ची का जन्म हुआ। दोनों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया।
5 दिसंबर की शाम महिला के टांके से ब्लड आने लगा। परिजनों की जानकारी पर महिला को दोबारा ऑपरेशन के लिए ले जाया गया, जिसमें यूट्रस निकालना पड़ा। इसके बाद स्थिति बिगड़ने पर रायपुर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में महिला की मौत हो गई।









