knn24news/ED के अफसर के 5 लाख रिश्वत लेने के मामले में अब CBI जांच शुरू हो गयी है। ED ने फिल्मी अंदाज में एक कारोबारी से रिश्वत ली थी। प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी के बाद कारोबारी के कई खातों को सील कर दिया था। उन्हीं खातों पर लगी लेने-देन की रोक हटाने के लिए ये रिश्वत मांगे गये थे। अब सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. इस मामले की जांच की आंच में प्रवर्तन निदेशालय के कुछ बड़े अधिकारी भी सकते हैं क्योंकि जो सम्मन कथित आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाने के लिए भेजा गया था उस पर प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक के हस्ताक्षर थे जबकि वसूली उसके सहायक अधिकारी ने की थी.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक सीबीआई ने आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु कर्नाटक जोन में तैनात ललित आजाद नामक प्रवर्तन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज किया है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय को सूचना मिली थी कि मोबाइल एप लोन मामले में हैदराबाद की साइबर क्राइम विंग पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. जिसमें बाद में जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक इस मामले में मामले के जांच अधिकारी ललित आजाद ने 5 फरवरी 2021 को अपोलो नेक्स्ट मुंबई के प्रबंध निदेशक मिखिल को पूछताछ के लिए ई-मेल के जरिए संबंध भेजा. इस सम्मन में निखिल को 9 फरवरी 2021 को पूछताछ के लिए ईडी के बेंगलुरु ऑफिस में बुलाया गया था.
दिलचस्प बात यह है कि जो सम्मन मिखिल के पास भेजा गया था उस पर प्रवर्तन निदेशालय के बेंगलुरु कार्यालय के उप निदेशक मनोज मित्तल जो कि एक आईआरएस अधिकारी हैं उनके हस्ताक्षर थे. सीबीआई दस्तावेजों के मुताबिक 9 फरवरी 2021 को मिखिल अपनी पत्नी और चचेरे भाई के साथ बेंगलुरु ऑफिस पूछताछ के लिए आया जहां पर उससे शाम लगभग 3:15 बजे तक की पूछताछ की गई. सीबीआई रिकॉर्ड के मुताबिक इसके बाद मिखिल वापस मुंबई जाने के लिए बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचा जहां उसके पास प्रवर्तन अधिकारी ललित का व्हाट्सएप कॉल आया.













