कोरबा: 27.90 लाख की धोखाधड़ी मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

कोरबा। जिले में 27 लाख 90 हजार रुपये की कथित धोखाधड़ी के एक मामले में वर्षों बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। गेवरा प्रोजेक्ट ऊर्जानगर निवासी महेन्द्र सिंह ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कोरबा को लिखित आवेदन सौंपकर आरोपी दीपक उर्फ अंबेडकर टंडन की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।

आवेदन में महेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने थाना दीपका में आरोपी के खिलाफ 27,90,000 रुपये की धोखाधड़ी को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। यह मामला एफआईआर क्रमांक 160/2020, धारा 420 आईपीसी के तहत पंजीबद्ध हुआ। पुलिस जांच के बाद वर्ष 2024 में थाना दीपका द्वारा अंतिम प्रतिवेदन न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, कटघोरा के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां यह प्रकरण क्रमांक 48/24 के रूप में विचाराधीन है।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि आरोपी दीपक उर्फ अंबेडकर टंडन लगातार न्यायालय में अनुपस्थित रहा है। उसकी गैरहाजिरी के चलते न्यायालय द्वारा कई बार गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए, इसके बावजूद 18 दिसंबर 2025 तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। महेन्द्र सिंह का कहना है कि यह स्थिति थाना दीपका की लापरवाही या आरोपी से कथित साठ-गांठ की ओर इशारा करती है।

आवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि आरोपी द्वारा रायपुर, सक्ती, कोरबा सहित अन्य जिलों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की घटनाएं की जा चुकी हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार आरोपी लगातार लोगों को अपने जाल में फंसा रहा है और उसकी गिरफ्तारी न होने से ऐसे अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।

महेन्द्र सिंह ने आशंका जताई है कि विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार आरोपी जल्द ही प्रदेश छोड़कर फरार हो सकता है। यदि ऐसा होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी थाना दीपका पर तय की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि माननीय न्यायालय द्वारा जारी वारंट के आधार पर आरोपी को तत्काल गिरफ्तार कर हिरासत में लिया जाए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित न हो और पीड़ित को न्याय मिल सके।

फिलहाल, इस मामले में अब सभी की निगाहें पुलिस अधीक्षक कार्यालय की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं। यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं होती, तो यह मामला पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकता है। वहीं स्थानीय लोगों के बीच भी चर्चा है कि इतने गंभीर आर्थिक अपराध में आरोपी का खुलेआम घूमना कानून-व्यवस्था के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।