रायपुर. साय सरकार छत्तीसगढ़ में मोदी की एक और गारंटी पूरी करने जा रही. 18 वर्षों से प्रदेश के मनरेगा कर्मी अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. मनरेगा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक समाजिक एवं सेवा सुरक्षा की दृष्टि से मानव संसाधन नीति लागू करने गुरुवार 29 अगस्त को कमेटी का गठन किया गया. राजेश सिंह राणा सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय गठित समिति को 15 दिवस के भीतर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी. इसका आदेश पंचायत विभाग ने जारी कर दिया है. आदेश जारी होते ही राज्य के 12 हजार से अधिक मनरेगा कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है.छतीसागढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय क्षत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सुशासन की पहचान और कार्य करने की गति एवं उपमुख्यमंत्री व पंचायत मंत्री विजय शर्मा की अद्वितीय संवेदनशील पहल का ही परिणाम है कि हमारी पीड़ाओं को समझते हुए तीव्र गति से कमेटी का गठन किया गया. कमेटी को 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा तय की गई है.