Bastar Naxal Operation : नक्सली नेटवर्क पर करारा प्रहार, हिडमा-राजे समेत 6 मारे गए, 31 माओवादी गिरफ्तार

Bastar Naxal Operation : बस्तर/आंध्रप्रदेश | 18 नवंबर 2025: छत्तीसगढ़–आंध्रप्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान में दो बड़ी सफलताएँ मिली हैं। एक तरफ कुख्यात नक्सली नेता माडवी हिडमा, उसकी पत्नी राजे और सब-जोनल कमेटी सदस्य टेक शंकर समेत 6 नक्सलियों को मारेदुमिल्ली (ASR जिला) में एनकाउंटर के दौरान ढेर कर दिया गया। वहीं दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश पुलिस ने केंद्रीय समिति सदस्य (CCM) देवजी के 9 सुरक्षा गार्डों सहित कुल 31 माओवादियों को गिरफ्तार किया है। इससे नक्सल संगठन को बड़ा झटका माना जा रहा है।

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ग्रेहाउंड फोर्स की बड़ी कार्रवाई: हिडमा का अंत

सूत्रों के अनुसार, स्पेशल ग्रेहाउंड फोर्स को लगातार मिल रही इंटेलिजेंस जानकारी के बाद अल्लूरी सीताराम राजू (ASR) जिले के मारेदुमिल्ली इलाके में एक संयुक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया।जंगलों में मौजूद नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ कई घंटों तक चली।

इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में शामिल हैं—

  • कुख्यात नक्सली कमांडर माडवी हिडमा

  • उसकी पत्नी राजे

  • सब-जोनल कमेटी मेंबर टेक शंकर

  • और 3 अन्य PLGA सदस्य

हिडमा, दक्षिण बस्तर के मोस्ट वॉन्टेड नक्सल नेताओं में से एक था। उसके खिलाफ कई बड़े हमलों में शामिल होने के मामले दर्ज थे।

31 माओवादी गिरफ्तार—CCM देवजी के 9 गार्ड भी शामिल

इसी दौरान, आंध्र प्रदेश पुलिस को नक्सल मोर्चे पर एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली है।लगातार इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, स्थानीय इनपुट्स और इंटेलिजेंस के आधार पर किए गए अभियान में पुलिस ने—

  • 9 सुरक्षा गार्ड (CCM देवजी के निजी गार्ड)

  • 22 PLGA और साउथ बस्तर जोनल कमेटी के सदस्य

समेत 31 माओवादियों को गिरफ्तार किया है।ये कार्रवाई पिछले कई हफ्तों से चल रही सुरक्षा रणनीति का हिस्सा बताई जा रही है। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार माओवादी विभिन्न नक्सली हमलों, वसूली और स्थानीय नेटवर्क फैलाने में सक्रिय थे।

नक्सल संगठन को दोहरा झटका

विशेषज्ञों का मानना है कि—

  • हिडमा के मारे जाने से दक्षिण बस्तर में नक्सलियों का ऑपरेशनल नेटवर्क गिरेगा।

  • देवजी के गार्डों की गिरफ्तारी ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचने का रास्ता खोल दिया है।

  • यह अभियान आने वाले दिनों में नक्सल फ्रेमवर्क को और कमजोर कर सकता है।

सुरक्षा बलों का कहना है कि यह कार्रवाई नक्सल उन्मूलन अभियान में एक “टर्निंग पॉइंट” साबित हो सकती है।