छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चैतन्य बघेल की याचिका की खारिज, ईडी जांच को मिली मजबूती

Chaitanya Baghel ED Arrest बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शराब घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को बड़ा झटका देते हुए उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। चैतन्य बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को असंवैधानिक और नियमों के विरुद्ध बताते हुए याचिका दायर की थी, जिसे जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।

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क्या था मामला?

चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को उनके भिलाई स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी उनके जन्मदिन के दिन की गई, जो कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG Liquor Scam) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा थी।

इस मामले में ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002, के तहत कार्रवाई की थी। जांच की शुरुआत एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई थी, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराएं शामिल थीं।

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ईडी का दावा – 16.70 करोड़ की अवैध कमाई

ईडी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि शराब घोटाले से राज्य को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है। इस घोटाले से लगभग ₹2,500 करोड़ की अवैध कमाई (Proceeds of Crime) की गई, जिसमें से ₹16.70 करोड़ रुपए चैतन्य बघेल को प्राप्त हुए थे।

ईडी ने बताया कि चैतन्य ने इस रकम का उपयोग अपनी रियल एस्टेट फर्मों में किया और ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक प्रविष्टियों के माध्यम से रकम ट्रांसफर की गई।