केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ 18 अक्टूबर से शुरू हो रही है। बिहार  की सियासत में पहली बार कोई नेता धार्मिक यात्रा पर निकाल रहे हैं। वहीं यात्रा शुरू होने से पहले इसपर जमकर राजनीति हुई। अब तो गिरिराज सिंह की इस यात्रा से अपनों (बीजेपी) ने भी दूरी बना ली है। भाजपा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ.दिलीप जायसवाल ने कहा-मैं इस यात्रा के बारे में कुछ नहीं जानता, कुछ बता नहीं सकता। भाजपा का इससे कोई वास्ता या सरोकार नहीं है। हालांकि पार्टी इस यात्रा को या इसमें शामिल होने से भाजपाइयों को रोकेगी भी नहीं।

बता दें कि पहले फेज में उनकी यात्रा भागलपुर से शुरू होगी, जहां आजादी के बाद सबसे बड़ा दंगा हुआ था। इसके साथ ही यात्रा का समापन सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले जिला किशनगंज में होगा। इस दौरान वे कटिहार, पूर्णिया और अररिया में पदयात्रा, जनसभा और जन संवाद के माध्यम से हिंदुओं को एकजुट करने की करेंगे।

बेगूसराय से भागलपुर रवाना होने के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ये यात्रा गैर राजनीतिक यात्रा है। मैं गिरिराज हिंदू बनकर स्वामी दीपांकर जी के नेतृत्व में जा रहा हूं। ना बीजेपी से कोई लेना-देना है, ना जेडीयू से और ना एनडीए से लेना-देना है।

बोला। बेगूसराय में मीडिया से कहा कि राहुल गांधी देश में गृह युद्ध कराना चाहते हैं इसलिए वो हल्की बाते करते रहते हैं। वो कानून को नहीं मानते हैं।अगर उनको इतना ही था तो जम्मू कश्मीर चुनाव का बहिष्कार करना चाहिए था। गिरिराज सिंह ने कहा कि वक्फ बोर्ड कांग्रेस की नाजायज औलाद की तरह है, जो वक्फ बोर्ड कहे वही सही है। उन्होंने कहा कि इसको खत्म करना चाहिए।

सिंह ने अपनी यात्रा के संबंध में बताया कि यह कल (शुक्रवार) भागलपुर से शुरू होगी। 22 तारीख को खत्म होगी। गिरिराज सिंह ने कहा कि हम लोग ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ पर निकल रहे हैं। कुछ लोग इस यात्रा को अपने वोट बैंक को लेकर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वोट के सौदागरों के विरोध करने से कुछ नहीं होने वाला है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, लालू यादव और ममता बनर्जी सहित अन्य नेताओं पर भी निशाना साधा।

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, 1989 में हुए भागलपुर दंगे में पहले 1070 फिर बाद में 1161 लोगों की हत्या हुई थी। जस्टिस शमसुल हसन और आरएन प्रसाद कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार इस दंगे में 1852 लोग मारे गए थे। 524 लोग घायल हुए थे। 11 हजार 500 मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। 600 पावर लूम, 1700 हैंड लूम क्षतिग्रस्त हुए थे। दंगे में कुल 48 हजार लोग प्रभावित हुए थे।