Education department shifting रायपुर/छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग में प्राचार्य (Principal) के पद पर हाल ही में पदोन्नत हुए प्राध्यापकों की पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसके तहत राज्य भर में लगभग 100 से 125 प्राचार्यों को नई तैनाती दी जानी है। सूत्रों के अनुसार यह पोस्टिंग एक-एक करके की जा रही है। हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान विभाग द्वारा एक ऐसा कदम उठाया गया है जो हाल ही में मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के विपरीत प्रतीत होता है।
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डॉ. पटले को कॉलेज के बजाय संचालनालय में संयुक्त सचिव पद
इस क्रम में, साइंस कॉलेज रायपुर के प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार पटले को किसी महाविद्यालय (कॉलेज) में प्राचार्य के रूप में पदस्थापित करने के बजाय, उन्हें उच्च शिक्षा संचालनालय में संयुक्त सचिव (Joint Secretary) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब विभाग में प्राचार्य संवर्ग की कमी को पूरा करने के लिए पदोन्नत अधिकारियों को कॉलेजों में भेजना प्राथमिकता होनी चाहिए थी।
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मंत्री के निर्देशों की अनदेखी?
इस नियुक्ति को लेकर विभागीय विरोधाभास सामने आ रहा है। आपको बता दें कि तीन माह पहले ही उच्च शिक्षा विभाग का कार्यभार संभालने वाले मंत्री टंक राम वर्मा ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा था कि:
- विभागीय दफ्तरों और अन्य विभागों में डेपुटेशन (Deputation) पर कार्यरत प्राध्यापकों को वापस लाकर कॉलेजों में भेजा जाएगा ताकि शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो।
- इसके लिए उन्होंने सचिव और संचालक से ऐसे प्रोफेसरों की सूची भी मांगी थी जिन्हें वापस कॉलेजों में भेजा जाना है।
इसके विपरीत, विभाग ने नए सत्र के बीच में ही डॉ. पटले जैसे वरिष्ठ प्राध्यापक को, जिन्हें प्राचार्य पदोन्नत किया गया है, वापस संचालनालय जैसे प्रशासनिक दफ्तर में संयुक्त सचिव के पद पर पोस्टिंग दे दी है। यह कदम मंत्री के स्पष्ट निर्देश के विपरीत माना जा रहा है, जिसने विभाग के भीतर “डेपुटेशन वापसी” की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।











