कोरबा। फ्लोरा मैक्स ठगी कांड में बैंकों और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की लापरवाही के चलते करोड़ों की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिले के कोरबा, कटघोरा, चांपा, सक्ती, छाल, धरमजयगढ़ और खरसिया स्थित 48 बैंकिंग संस्थानों और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने बिना वेरिफिकेशन किए महिलाओं को भारी संख्या में लोन बांटा।
बिना जांच के बांटा गया लोन
प्रत्येक महिला को 30-30 हजार रुपये का लोन दिया गया। कई महिलाओं को एक ही समय में 8-10 संस्थानों से लोन मिल गया। संस्थानों ने न तो लोन के लिए कोई गहन जांच की और न ही नियमों का पालन किया। इस लापरवाही का नतीजा यह हुआ कि महिलाओं को मिले लोन का इस्तेमाल फ्लोरा मैक्स में निवेश के लिए किया गया।
घोटाले की शुरुआत और फर्जी निवेश
शुरुआत में कंपनी ने महिलाओं को मोटा मुनाफा देने का लालच देकर उन्हें ठगी का शिकार बनाया। महिलाओं ने घर बैठे कमाई के सपने में फंसकर अपनी जमा पूंजी निवेश कर दी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने 30 हजार रुपये प्रति महिला के हिसाब से 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।
रकम कई गुना अधिक होने की संभावना
जांच में यह भी सामने आया है कि ठगी की असल रकम इससे कहीं अधिक हो सकती है। पुलिस ने सभी बैंकिंग संस्थानों से पिछले तीन सालों के दौरान दिए गए लोन और उनके प्राप्तकर्ताओं का ब्यौरा मांगा है। इसके अलावा, फ्लोरा मैक्स कंपनी द्वारा लोन देने और जमा राशि लेने के संबंध में नियमों की जानकारी भी तलब की गई है।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोन वितरण प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी और ठगी की असल रकम का आकलन ब्यौरा मिलने के बाद ही हो सकेगा। बैंकिंग संस्थानों और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की ओर से लोन बांटने में बरती गई लापरवाही की भी गहन जांच की जाएगी।