JPL कोल-खदान का विरोध तेज: 14 गांवों के ग्रामीण सड़क पर उतरे, बोले—“जमीन नहीं देंगे”; कोरबा और सरगुजा में भी बवाल

रायगढ़ में कोयला खदान के खिलाफ 14 गांव के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। - Dainik Bhaskarरायगढ़. छत्तीसगढ़ में कोल माइंस को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। रायगढ़, कोरबा और सरगुजा तीनों जिलों में ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। रायगढ़ के तमनार ब्लॉक में जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) की प्रस्तावित कोल माइंस का विरोध करते हुए 14 गांवों के ग्रामीण सड़क पर उतर आए और साफ कहा—“हम अपनी जमीन किसी भी हालत में नहीं देंगे।”

रायगढ़ में लामबंदी, विधायक भी पहुंचीं

सूचना के अनुसार ग्रामीणों के समर्थन में लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार भी मौके पर पहुंचीं। उन्होंने ग्रामीणों के साथ खड़े होकर प्रस्तावित जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग उठाई।
ग्रामीणों ने जनसुनवाई स्थल पर टेंट न लगने देने के लिए मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा, जिससे स्थिति नियंत्रण में बनी रही।

कोरबा में CISF का लाठीचार्ज

इधर कोरबा के गेवरा खदान क्षेत्र में भी ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। स्थिति बिगड़ने पर CISF ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया।

छाल क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन

रायगढ़ के छाल इलाके में करीब 300 ग्रामीणों ने जनसुनवाई को तत्काल रद्द करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि कोल परियोजनाओं से विस्थापन, प्रदूषण और रोजगार असुरक्षा बढ़ेगी।

सरगुजा में पथराव, पुलिस-ग्रामीणों के बीच संघर्ष

सरगुजा जिले के अमेरा ओपनकास्ट कोल माइंस के विरोध में भी स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में जुटे। यहां विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव व गुलेल से हमला किया।
हमले में ASP, थाना प्रभारी सहित लगभग 25 पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी ग्रामीणों की ओर पत्थर फेंके, जिसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया।

स्थिति तनावपूर्ण, सुरक्षा बढ़ाई गई

लगातार हो रहे प्रदर्शनों के चलते तीनों जिलों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन जनसुनवाई और खदान विकास को लेकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहा है, वहीं ग्रामीण अपने रुख पर अडिग हैं।