Karur stampede case: हाईवे पर अब नहीं होंगी राजनीतिक रैलियां, करूर हादसे ने बदला सिस्टम

Karur stampede case मदुरै | 3 अक्टूबर 2025| तमिलनाडु के करूर जिले में 27 सितंबर को हुए भगदड़ कांड के बाद CBI जांच की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि “पूरी जांच खत्म किए बिना CBI को जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती।”

Woman cheated of Rs 6 lakh: दुकान दिलाने का झांसा देकर महिला से 6 लाख की ठगी, मामला टिकरापारा थाने में दर्ज

साथ ही अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जब तक इस तरह की रैलियों के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) नहीं बन जाती, तब तक हाईवे और प्रमुख सार्वजनिक मार्गों पर राजनीतिक रैलियों या जनसभाओं की अनुमति न दी जाए।

नशे में धुत्त युवक सरेआम करता रहा दो युवकों की बेल्ट से पिटाई,

क्या था करूर भगदड़ मामला?

  • 27 सितंबर को करूर के वेलुस्वामीपुरम इलाके में आयोजित एक राजनीतिक रैली में भगदड़ मच गई थी।

  • यह रैली तमिझग विदुथलै काची (TVK) के प्रमुख और अभिनेता थलपति विजय की उपस्थिति में हो रही थी।

  • अचानक हुए हंगामे में कई लोग घायल हो गए थे और भीड़ नियंत्रण पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे।

  • इस घटना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही की चर्चा तेज हो गई थी।