कोरबा।जिले में कुपोषण की स्थिति बेहद गंभीर है, जहां 60% गर्भवती महिलाएं और 55% नवजात शिशु कुपोषण के शिकार हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा कोरबा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CHMO) द्वारा किया गया, जिससे महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब कोरबा में पोषण माह के समापन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक हुई, जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए CHMO ने जिले में कुपोषण के भयावह आंकड़े पेश किए।
कोरबा जिले में 60% गर्भवती महिलाएं कुपोषण का शिकार हैं, जिससे उनके नवजात शिशु भी प्रभावित हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, जिले में 55% नवजात शिशु भी कुपोषण से जूझ रहे हैं। यह स्थिति राज्य और केंद्र सरकार द्वारा कुपोषण से निपटने के लिए उठाए जा रहे सभी प्रयासों और करोड़ों रुपये के खर्चे के बावजूद है, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
आंकड़ों की बाजीगरी या जमीनी हकीकत?
CHMO द्वारा दिए गए इस बयान ने विभागीय आंकड़ों और जमीनी हकीकत के बीच बड़ा अंतर उजागर किया है। एक ओर राज्य सरकार पूरे जिले में पोषण माह मनाकर कुपोषण से लड़ने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, तो दूसरी ओर इस प्रकार के आंकड़े महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहे हैं।
सवाल यह भी उठता है कि आखिर कुपोषण से निपटने के लिए आवंटित करोड़ों रुपये जा कहां रहे हैं?
अगर स्वास्थ्य विभाग के पास कुपोषण के ये आंकड़े पहले से मौजूद थे, तो क्या विभाग का अमला जमीनी स्तर पर कार्य नहीं कर रहा? क्या कुपोषण से लड़ने के लिए बनाई गई योजनाओं का सही से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है?
आगे की राह: जिला प्रशासन की भूमिका पर नजर
अब यह देखना अहम होगा कि इन आंकड़ों को देखते हुए जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारी क्या कदम उठाते हैं। कुपोषण की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्काल उपाय और सख्त कार्रवाई की जरूरत है, ताकि जिले की गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु स्वस्थ और पोषित रह सकें।
सरकार और विभागीय अधिकारियों को कुपोषण के इस संकट से उबरने के लिए योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों तक पोषण सेवाएं पहुंच सकें।
**क्या वाकई जमीनी स्तर पर काम हो रहा है, या सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी चल रही है?** यह सवाल अब हर नागरिक के मन में है।