कोरबा। जिले के मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल उस समय खुल गई, जब मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग मरीजों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। ऑपरेशन के बाद घर लौटने के लिए बुजुर्ग महिला और पुरुष वाहन की तलाश में दर-दर भटकते रहे, लेकिन उन्हें अस्पताल से कोई सहायता नहीं मिली।
शनिवार को कटघोरा ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 18 बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों का जिला मेडिकल कॉलेज, कोरबा में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा हुआ, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इन बुजुर्ग मरीजों के लिए घर लौटने के लिए कोई वाहन सुविधा प्रदान नहीं की। मरीजों को ऑपरेशन के बाद अपने खर्चे से ऑटो किराए पर लेकर घर लौटना पड़ा।
ऑपरेशन के बाद बुजुर्ग मरीजों की हालत ठीक नहीं थी, और वाहन की सुविधा न होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ बुजुर्ग मरीज अस्पताल के बाहर ऑटो और अन्य साधनों की तलाश में घूमते नजर आए। इन मरीजों ने अस्पताल प्रशासन से कोई मदद न मिलने पर नाराजगी जताई।
इस घटना ने जिला मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीजों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद अस्पताल प्रशासन को उनके लिए वाहन की व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि वे सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। लेकिन उन्हें अपने ही खर्चे पर वाहन का इंतजाम करना पड़ा, जो स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही को दर्शाता है।
बुजुर्ग मरीजों और उनके परिजनों ने प्रशासन से अपील की है कि भविष्य में ऐसे मामलों में अस्पताल द्वारा मरीजों के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि ऑपरेशन के बाद किसी भी मरीज को परेशानी का सामना न करना पड़े।