Korba goods train jam : कोरबा में जाम, SP मुखर्जी परिसर में घंटों खड़ी रही मालगाड़ी, स्कूल बच्चे और कर्मचारी हुए सबसे ज़्यादा परेशान

Korba goods train jam : कोरबा, छत्तीसगढ़। सोमवार की सुबह कोरबा शहर के निवासियों के लिए भारी परेशानी लेकर आई, जब श्यामा प्रसाद मुखर्जी (SPM) परिसर में कोयला लेकर पहुंची एक मालगाड़ी ने मुख्य मार्ग पर यातायात को घंटों तक रोक दिया। सुबह 7 बजे शुरू हुआ यह ‘ट्रैफिक जाम’ दोपहर तक शहर के कई प्रमुख चौकों और मार्गों पर अव्यवस्था का कारण बना रहा, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चे, ट्रेनिंगार्थी और रोजमर्रा के कर्मचारी सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए।

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प्रमुख हाईलाइट्स

जाम की वजह: SPM परिसर में कोयला लेकर पहुंची मालगाड़ी का लंबे समय तक एक ही जगह खड़ा रहना।

प्रभावित क्षेत्र: CSEB चौक, ट्रांसपोर्ट नगर, शारदा विहार चौक और मुख्य मार्ग।

सबसे अधिक परेशानी: स्कूली छात्र (स्कूल बसें फंसी), ट्रेनिंग पर जाने वाले युवा और दफ्तर जाने वाले कर्मचारी।

शुरुआत: सोमवार सुबह 7 बजे से यातायात अस्त-व्यस्त होना शुरू हुआ।

पूरे शहर का यातायात अस्त-व्यस्त

मालगाड़ी के कारण मुख्य रेलवे क्रॉसिंग और सड़कें अवरुद्ध होने से कोरबा का पूरा यातायात ढाँचा चरमरा गया। ट्रांसपोर्ट नगर और शारदा विहार जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में वाहनों की कतारें इतनी लंबी हो गईं कि कुछ जगहों पर केवल एक ही रास्ता उपलब्ध होने के कारण अराजकता की स्थिति पैदा हो गई।शारदा विहार निवासी राजेश कुमार का बयान: “मेरे बच्चे की स्कूल बस लगभग आधे घंटे तक चौक में फंसी रही। बच्चा बस में बैठा-बैठा परेशान हो गया। कई स्कूल बसें वहीं अटकी थीं और बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाए।”स्थानीय लोगों के अनुसार, सुबह के व्यस्त समय में जब हर कोई अपने गंतव्य की ओर जल्दी में होता है, ऐसे में घंटों की देरी से उनका पूरा दिन का शेड्यूल बिगड़ गया। दफ्तरों और ट्रेनिंग सेंटरों पर पहुंचने वाले लोग समय पर न पहुंचने के कारण तनावग्रस्त दिखे।

रेलवे और प्रशासन से समाधान की मांग

कोरबा, जो कोयला उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है, वहाँ अक्सर मालगाड़ियों के आवागमन के कारण ट्रैफिक की समस्याएँ आती रहती हैं। स्थानीय निवासियों और प्रभावित यात्रियों ने रेलवे प्रशासन और स्थानीय यातायात पुलिस से आग्रह किया है कि वे ऐसे व्यस्त समय में मालगाड़ियों के आवागमन को इस तरह से नियंत्रित करें कि शहर का मुख्य यातायात प्रभावित न हो।इस तरह की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए ओवरब्रिज या अंडरपास के निर्माण की मांग एक बार फिर से ज़ोर पकड़ने लगी है, ताकि कोयला परिवहन और आम जनता के आवागमन के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके।