Korba Railway station accident : कोरबा: रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा! दुर्घटना राहत वैन की पेंटिंग के दौरान एक युवा कर्मचारी ओवर हेड इक्विपमेंट (OHE) के हाई-वोल्टेज तार की चपेट में आने से बुरी तरह झुलस गया। यह घटना रेलवे सुरक्षा प्रक्रियाओं की गंभीर अनदेखी की ओर इशारा करती है, खासकर जब काम एक पेटी ठेकेदार को सौंपा गया था।
मुख्य बातें:
हादसा: सोमवार शाम कोरबा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के यार्ड में हुआ।
शिकार: लगभग 25 वर्षीय श्याम चौहान, जो दुर्घटना राहत वैन पर पेंटिंग का काम कर रहा था।
हालत: गंभीर रूप से झुलसा, जिला अस्पताल में भर्ती, हालत चिंताजनक।
लापरवाही: रेलवे के सी एंड डब्ल्यू विभाग ने पेंटिंग का काम एक पेटी ठेकेदार को दिया, जिसने आगे यह काम स्थानीय युवकों को सौंप दिया। काम के दौरान OHE तार की पावर सप्लाई को लेकर सुरक्षा नियमों की अनदेखी का आरोप।
OHE की चपेट में आया युवक, ठेकेदार पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप
मिली जानकारी के अनुसार, कोरबा रेलवे स्टेशन पर खड़ी दुर्घटना राहत वैन को पेंट करने का काम रेलवे के कैरिज एंड वैगन (C&W) विभाग द्वारा एक स्थानीय छोटे ठेकेदार को दिया गया था। ठेकेदार ने मुनाफे के लिए यह संवेदनशील कार्य स्टेशन के पास बस्ती में रहने वाले अनुभवहीन युवकों को सौंप दिया।सोमवार की शाम, युवक श्याम चौहान प्लेटफॉर्म नंबर एक के यार्ड में वैन पर पेंटिंग कर रहा था। यह क्षेत्र हाई-वोल्टेज OHE (25 kV AC) तारों के ठीक नीचे आता है। पेंटिंग के दौरान, श्याम चौहान गलती से ओएचई तार के संपर्क में आ गया या उसके खतरे के दायरे (Danger Zone) में प्रवेश कर गया, जिससे उसे भीषण करंट लगा और वह गंभीर रूप से झुलस गया।हादसे के तुरंत बाद, आस-पास मौजूद लोगों और रेलवे कर्मचारियों की मदद से घायल श्याम चौहान को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल: क्या ब्लॉक लिया गया था?
यह गंभीर दुर्घटना रेलवे परिसर में कार्य करते समय सुरक्षा मानकों के अनुपालन पर बड़े सवाल खड़े करती है।
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सुरक्षा ब्लॉक की अनदेखी: हाई-वोल्टेज OHE के पास किसी भी तरह के काम, खासकर वैन के ऊपरी हिस्से पर काम करने से पहले, नियमतः उस सेक्शन के OHE को ‘डेड’ (power off) कर दिया जाना चाहिए और ‘अर्थिंग’ प्रदान की जानी चाहिए। इसे पावर ब्लॉक लेना कहते हैं। क्या ठेकेदार और रेलवे विभाग ने सुनिश्चित किया था कि काम के दौरान ओएचई में कोई करंट नहीं होगा?
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ठेकेदार की जिम्मेदारी: पेटी ठेकेदारों द्वारा सस्ते श्रम के लिए अनट्रेंड (untrained) मजदूरों को ऐसे जोखिम भरे काम पर लगाना एक बड़ी लापरवाही है। क्या मजदूरों को ओएचई के खतरों और सुरक्षा सावधानियों (जैसे 2 मीटर की दूरी बनाए रखना) के बारे में प्रशिक्षित किया गया था?
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रेलवे विभाग की निगरानी: ठेके पर दिए गए काम के दौरान रेलवे के C&W विभाग की ओर से पर्याप्त सुरक्षा निगरानी क्यों नहीं की गई?
रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। इस हादसे से यह स्पष्ट हो गया है कि ठेकेदारी प्रणाली के तहत रेलवे में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े और अनिवार्य सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की तत्काल आवश्यकता है।










