Labor Policy: मनुस्मृति के जिक्र पर बवाल, श्रम नीति को लेकर संसद में गरमा सकती है बहस

Labor Policy  नई दिल्ली | 30 अक्टूबर 2025| केंद्र सरकार की नई श्रम नीति (Labour Policy) के ड्राफ्ट को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। ड्राफ्ट में मनुस्मृति सहित कई प्राचीन ग्रंथों का उल्लेख किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि इन ग्रंथों में मजदूरी तय करने और श्रमिकों के हितों की रक्षा को लेकर क्या विचार व्यक्त किए गए थे।

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हालांकि, मनुस्मृति के संदर्भ को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि “आरएसएस को मनुस्मृति सबसे ज़्यादा पसंद है,” इसलिए सरकार इस ग्रंथ को नीति निर्माण में शामिल कर रही है।

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 ड्राफ्ट में क्या कहा गया है

ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि भारत की श्रम परंपरा केवल आधुनिक कानूनों पर नहीं, बल्कि सभ्यतागत मूल्यों और सांस्कृतिक दृष्टिकोण पर भी आधारित है। इसमें मनुस्मृति, अर्थशास्त्र, शुक्रनीति और नीति शास्त्र जैसे ग्रंथों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इन ग्रंथों में श्रमिकों के अधिकार, मजदूरी और कार्य नैतिकता पर विस्तार से लिखा गया है।