कोरबा। एसईसीएल की मेगा कोयला परियोजना कुसमुंडा खदान में लीज क्षेत्र से बाहर कोयला खनन का मामला गंभीर होता जा रहा है। अब खनिज विभाग के बाद छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भी इस मामले की जांच करेगा। मंडल के अधीक्षण अभियंता ने क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से लीज क्षेत्र में खनन की मंजूरी होने के बावजूद शिकायतें मिली हैं कि एसईसीएल ने वर्षों से लीज क्षेत्र के बाहर जाकर खनन किया है। इस पर माइनिंग विभाग अब तक 1115 करोड़ की पेनल्टी लगा चुका है।
आरटीआई एक्टिविस्ट लक्ष्मी चौहान ने पर्यावरण संरक्षण मंडल और खनिज विभाग में शिकायत दर्ज कराते हुए एसईसीएल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2006, 2009 और 2014 में तय लीज क्षेत्र से अधिक जमीन पर खनन किया गया।
- 2006: 1673 हेक्टेयर लीज क्षेत्र में 750 हेक्टेयर में खनन की अनुमति थी, लेकिन 950 हेक्टेयर अधिक जमीन का उपयोग हुआ।
- 2009: 2536 हेक्टेयर लीज में से 1666 हेक्टेयर में खनन की अनुमति थी, लेकिन 1274 हेक्टेयर अतिरिक्त खनन हुआ।
- 2014: 2536 हेक्टेयर लीज में 1066 हेक्टेयर का लक्ष्य था, लेकिन 1483 हेक्टेयर में खनन हुआ।
इस अनियमितता को लेकर अब पर्यावरण विभाग ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस मामले ने पर्यावरण संरक्षण और खनन नियमों की सख्त अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।