कोरिया.छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्य नीता विश्वकर्मा ने गुरुवार को बैकुंठपुर में महिला उत्पीड़न से संबधित प्रकरणों पर सुनवाई की। भरण-पोषण के एक मामले में राज्य महिला आयोग ने सामाजिक तलाक को अवैध करार दिया और नियमानुसार कोर्ट से तलाक लेने कहा। कोरिया जिले में कुल 36 प्रकरणों में सुनवाई की गई।
महिला आयोग की सुनवाई में एक मामले में महिला ने भरण-पोषण के लिए आवेदन किया था। दोनों के बीच सामाजिक तलाक हुआ है। आवेदिका ने कहा कि पति उसे एकमुश्त भरण-पोषण नहीं दे रहा है और न ही कानून के अनुसार तलाक लिया गया है। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि पति अपनी पत्नी को एकमुश्त भरण पोषण राशि करे और शादी में दिए गए सभी सामान वापस करे।
दोनों पक्षों का समझाइश दिया गया न्यायालय प्रकरण दर्ज कराए और भरण राशि और तलाक की कार्रवाई पूर्ण करें।

सामाजिक बहिष्कार, गांव जाएगी आयोग की टीम
एक अन्य मामले में सूरजपुर जिले की उमापुर निवासी महिला ने गांव के 10 लोगों के खिलाफ शिकायत की गई थी कि उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। सभी लोगों ने इससे इनकार किया और कहा कि उन्होंने कोई सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है।
आयोग की ओर से एक टीम आवेदिका के गांव उमापुर दिनांक 03 अगस्त को दोपहर 1.00 बजे जाएगी और पूरे गांव के सामने इस प्रकरण की जानकारी रखी जाएगी। सभी लोग यदि गांव वालों के समक्ष आवेदिका का गांव में सामाजिक बहिष्कार नहीं किए जाने की सार्वजनिक घोषणा करते हैं तो प्रकरण समाप्त किया जाएगा। अन्यथा अनावेदकों के खिलाफ रामानुजनगर थाने में अपराध दर्ज किया जाएगा।
आयोग में शिकायत के बाद दिए 21 लाख
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आयोग में प्रकरण लगाने के बाद आरोपियों ने आवेदिका को 21 लाख रुपए एकमुश्त भुगतान कर दिया है। आज सुनवाई के दौरान सभी उपस्थित हुए।आवेदिका ने सहमति पत्र प्रस्तुत किया कि वह अपना प्रकरण आपसी सुलह नाम की वजह से वापस लेना चाहती है। आयोग से प्रकरण समाप्त किया गया।
पत्नी को साथ ले गया
एक अन्य मामले में पति अपनी पत्नी को साथ रखने को तैयार नहीं था। उसका एक अन्य महिला से अवैध संबंध है और युवक ने उसे घर में रखा हुआ है। उसके दो बच्चे भी हैं। पिछली सुनवाई में पति ने पत्नी को रखने की सहमति दी थी।
नारी निकेतन रायपुर भेजने के निर्देश
पति सुनवाई स्थल से ही पत्नी को साथ ले जाने तैयार हो गया। उसका जिस महिला से अवैध संबंध है, उसे नारी निकेतन रायपुर भेजने का निर्देश दिया गया। इसके बाद पति यदि पत्नी को प्रताड़ित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैकुंठपुर में अन्य मामलों में भी सुनवाई की गई और दोनों पक्षों को समझाइश दी गई।












