Train accident: बिलासपुर रेल सेक्शन में अफरातफरी, तीन ट्रेनें एक साथ आईं आमने-सामने

Train accident बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कोरबा पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी की भीषण टक्कर में 11 यात्रियों की दर्दनाक मौत के ठीक दो दिन बाद, गुरुवार को उसी रूट पर एक और घटना ने यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी। इस बार, एक ही ट्रैक पर एक साथ तीन ट्रेनें खड़ी हो गईं, जिससे यात्रियों की सांसें थम गईं।

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घटना का विवरण: कोटमीसोनार-जयरामनगर के बीच

यह चौंकाने वाली घटना गुरुवार को कोटमीसोनार और जयरामनगर स्टेशन के बीच हुई। जानकारी के अनुसार, कोरबा मेमू लोकल ट्रेन बीच में खड़ी थी, जिसके आगे और पीछे दोनों तरफ एक-एक मालगाड़ी अचानक उसी ट्रैक पर आकर खड़ी हो गईं।घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने जब देखा कि उनकी पैसेंजर ट्रेन, दोनों ओर से मालगाड़ियों के बीच घिर गई है, तो उनमें तुरंत भय और दहशत फैल गई।यात्रियों में दहशत: चूंकि यह क्षेत्र हाल ही में हुए भीषण हादसे के कारण पहले से ही सुर्खियों में है, इसलिए यात्रियों में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता उत्पन्न हो गई। घबराए हुए कई यात्रियों ने तत्काल ट्रेन से नीचे उतरना ही सुरक्षित समझा।

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रेलवे का स्पष्टीकरण: ‘यह सामान्य परिचालन प्रक्रिया है’

तीनों ट्रेनों के एक ही ट्रैक पर आने की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों ने तुरंत कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दी। रेलवे प्रशासन ने स्थिति को तुरंत संभालने का प्रयास किया और इस घटना पर बिलासपुर रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (CPRO) सुष्कर विपुल विलासराव का स्पष्टीकरण सामने आया।

CPRO ने इस घटना को “सामान्य परिचालन प्रक्रिया” बताते हुए कहा:

  • “यह घटना ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली के तहत सामान्य परिचालन का हिस्सा है।”
  • “यह कोई हादसा नहीं है, बल्कि रूटीन प्रक्रिया है जिसके तहत व्यस्त ट्रैक पर ट्रेनों को सुरक्षित दूरी पर रोका जाता है।”
  • उन्होंने यात्रियों से अफवाहों पर ध्यान न देने और घबराने की जरूरत न होने की अपील की।

हादसे के बाद सुरक्षा पर बड़ा सवाल

बिलासपुर में मंगलवार को गतौरा स्टेशन के पास कोरबा मेमू लोकल ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिसमें 11 यात्रियों की मौत हो गई थी। इस हादसे की जांच अभी कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) द्वारा शुरू ही की जानी है, और उससे पहले ही एक ही ट्रैक पर तीन ट्रेनों के एक साथ आने की यह घटना रेलवे सुरक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है।