VIDEO: एसईसीएल गेवरा प्रबंधन की संवेदनहीनता, त्रिपक्षीय वार्ता विफल होने पर अधिकारी द्वारा अभद्र व्यवहार, भू-विस्थापित किसानों में आक्रोश, थाने में एफआईआर दर्ज

गेवरा//कोरबा:- साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) गेवरा परियोजना और भू-विस्थापित किसानों के मध्य आज भिलाई बाजार में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता विफल होने के बाद, स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वार्ता में एसईसीएल, जिला प्रशासन (एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस प्रशासन) और प्रभावित किसान शामिल थे ।

 

 

चर्चा समाप्त होने के उपरांत, किसानों के बीच आपसी वाद-विवाद के दौरान, एसईसीएल गेवरा के कथित अधिकारी शेखर सिंह चौहान ने एक ग्रामीण के साथ कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप वाद-विवाद ने गंभीर झड़प का रूप ले लिया ।

इस घटना से आक्रोशित भिलाई बाजार के ग्रामीणों ने तत्काल हरदीबाजार थाने का घेराव कर, एसईसीएल गेवरा के अधिकारी शेखर सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई किसानों ने थाना प्रभारी से निवेदन किया है कि उक्त अधिकारी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए ।

किसानों के साथ लगातार अन्याय और संवेदनहीनता पर गंभीर सवाल

यह घटना कोरबा जिले में भू-विस्थापित किसानों के साथ एसईसीएल और जिला प्रशासन के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े करती है किसान देश और राज्य के हित में अपनी अमूल्य धन-संपदा और परिसंपत्तियों का समर्पण कर रहे हैं, लेकिन बदले में उन्हें उनके वाजिब अधिकार, उचित मुआवजा, व्यवस्थित बसाहट और रोजगार से लगातार वंचित किया जा रहा है ।

किसानों का स्पष्ट आरोप है कि एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेने के बजाय, जानबूझकर क्षेत्र का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और किसानों को अपने मौलिक अधिकारों के लिए सड़कों पर संघर्ष करने को मजबूर कर रहे हैं ।

पूर्व में विस्थापित किसानों की स्थिति पर चिंता

यह याद दिलाना आवश्यक है कि मलगांव, अमगांव और सुवाभोड़ी जैसे क्षेत्रों के किसान, जो पूर्व में एसईसीएल की परियोजनाओं के लिए विस्थापित हुए थे, आज भी बेघर होकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं उनका वाजिब मुआवजा, बसाहट और रोजगार आज भी लंबित है यह स्थिति दर्शाती है कि प्रबंधन द्वारा भू-विस्थापितों के पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन को लेकर कितनी लापरवाही बरती जा रही है ।

हमारी मांग:-

1. एसईसीएल गेवरा के अधिकारी शेखर सिंह चौहान के खिलाफ तत्काल और सख्त अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई की जाए ।
2. जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन किसानों के वाजिब मुआवजे, बसाहट और रोजगार की लंबित मांगों को तत्काल पूरा करें ।
3. किसानों के साथ इस प्रकार की असमंजसपूर्ण और तनावपूर्ण स्थिति निर्मित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए ।

हम सरकार और उच्च अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि भू-विस्थापित किसानों को उनका संवैधानिक और कानूनी अधिकार सम्मानपूर्वक मिले ।