
महाराष्ट्र का सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। 16 बागी विधायकों ने डिप्टी स्पीकर के नोटिस को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच सोमवार को इस पर सुनवाई करेगी। शनिवार को डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने 16 विधायकों को सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेजा था।
इस बीच, शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि गुवाहाटी से सीधे 40 विधायकों के शव मुंबई आएंगे, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए विधानसभा भेजेंगे। वहीं आदित्य ठाकरे ने बताया कि एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव जी की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। बोले- हम शरीफ क्या हुए, दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते।
सियासी संकट के 3 बड़े अपडेट्स…
- शिवसेना के मंत्री उदय सावंत गुवाहाटी पहुंच गए। सुबह से उनका मोबाइल फोन बंद था। सावंत उद्धव के करीबी हैं।
- शिवसेना में उठे विद्रोह को रोकने के लिए उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे ने भी मोर्चा थाम लिया है। सूत्रों के मुताबिक रश्मि ने बागी विधायकों की पत्नियों को मैसेज भेजा है और कहा है कि अपने पति को मनाएं।
- राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र के डीजीपी,मुंबई पुलिस कमिश्नर और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को को चिट्ठी लिखकर बागी शिवसेना विधायकों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की मांगी की है। केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को Y प्लस सुरक्षा दी है। विधायकों के घरों और दफ्तरों पर शिव सैनिकों के हमलों के बाद यह फैसला लिया गया है।
शिंदे के पोस्टर से 10 दिन में बाल ठाकरे गायब
एकनाथ शिंदे के पोस्टर से 10 दिन के भीतर बाल ठाकरे गायब हो गए हैं। 16 जून को सोशल मीडिया पर शिंदे ने एक पोस्टर शेयर किया था, जिसमें बाल ठाकरे, उद्धव और आदित्य नजर आ रहे हैं। वहीं रविवार को शिंदे ने जो पोस्टर शेयर किया है, उसमें उद्धव और आदित्य के साथ बाल ठाकरे भी गायब हैं।
बागी नेता एकनाथ शिंदे ने एक वीडियो ट्वीट किया है। इसमें बागी विधायक भरतशेट गोगावले कह रहे हैं कि सीएम उद्धव ठाकरे ने 2.5 साल में शिवसेना के उन विधायकों के साथ कोई बैठक नहीं की जो 2019 का चुनाव हार गए थे। इसके उलट उप मुख्यमंत्री ने उन एनसीपी उम्मीदवारों को फंड दिया जो 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए थे।
