कान्हा जैसा बनाया जाएगा ATR:वन मंत्री थोड़ा चूके, कहा- अचानकमार को टाइगर रिजर्व बनाएंगे, फिर बोले- इतनी सुविधाएं देंगे कि दूसरे प्रदेश से पर्यटक आएं

वनमंत्री मोहम्मद अकबर बिलासपुर में मीडिया से बात करते हुए अचानक भूल गए कि अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया पहले से ही है। उन्होंने कहा कि अचानकमार को मध्यप्रदेश के कान्हा किसली की तरह टाइगर रिजर्व एरिया बनाया जाएगा फिर उन्होंने तुरंत अपने आप को संभाला और कहा कि यहां पर्यटकों को सुविधा देने के साथ ही डेवलपमेंट के लिए काम किया जाएगा।

मंगलवार को शहर प्रवास पर रहे वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अचानकमार को टाइगर रिजर्व बनाने का निर्णय लिया है। जिस तरह से कान्हा किसली में बड़ी संख्या में टूरिस्ट जाते हैं और वह आकर्षण का केंद्र है। वैसे ही अचानकमार को बनाया जाएगा और उसी स्तर का इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जाएगा। यहां छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के भी टूरिस्ट आए, ऐसा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए डीपीआर तैयार करने पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बिलासपुर के पास स्थित कोपरा जलाशय को बर्ड सेंचुरी बनाने के सवाल पर कहा कि यह क्या प्रस्ताव है वे अधिकारियों से पूछते हैं, इसके बाद इसकी उपयोगिता देखते हुए निर्णय लेंगे। उन्होंने परिवहन मंत्रालय से संबंधित मुद्दों पर भी बात की।

अचानकमार टाइगर रिजर्व कोटा-लारमी क्षेत्र के 553.286 वर्ग किमी के एक क्षेत्र पर विशाल पहाड़ियों के मैकाल रेंज में साल, बांस और सागौन के साथ अन्य वनस्पतियों से परिपूर्ण है। अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया। अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार के स्तनधारी जीव एवं 200 से भी