कोरबा : नए साल की शुरुआत के साथ जिले में थमी करोना संक्रमण की रफ्तार लोगों की लापरवाही की वजह से फिर बढ़ने लगी है। शासन-प्रशासन ने कोरोना संक्रमण रोकने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी किया है। एक जगह भीड़ न हो, इसके लिए धारा 144 भी लागू है, लेकिन बाजार, बस स्टैंड समेत सड़क तक लोग मानने को तैयार नहीं है। ज्यादातर लोग विना मास्क के ही नजर आते हैं। ऐसे लोग मास्क लगाते हैं तो कार्रवाई होती देखकर, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बहुत कम लोग ही कर रहे हैं। बुधवार को बुधवारी बाजार में सब्जी बेचने कई लोगों ने दुकान लगाई थी, लेकिन मुंह की बजाए मास्क उनकी जेब में था। बस स्टैंड में भी इसी तरह यात्रियों की भीड़ दिखी। यहां तक कि जिला मुख्यालय में कलेक्टोरेट में डीजे संचालक नियमों को ठेंगा दिखाते हुए बिना सोशल डिस्टेंसिंग के भीड़ लगाकर ज्ञापन देने पहुंच गए थे। इन्हें बाद में रामपुर पुलिस ने पकड़ा और नियमों के पालन करने की समझाइश देकर छोड़ा।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए पहले की तरह ही जिला प्रशासन ने कलेक्टर किरण कौशल के नेतृत्व में गंभीरता से काम शुरू कर दिया है। इस बार प्रशासन का मुख्य टारगेट कोरोना टेस्टिंग को बढ़ाकर प्राथमिक स्तर पर ही मरीजों की पहचान कर उन्हें ईलाज उपलब्ध कराना और 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण कराना है। आज इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कलेक्टोरेट सभा कक्ष में महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारों अनुविभागों के एसडीएम और मैदानी स्तर के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए। बैठक में कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार, अपर कलेक्टर प्रिंयका महोबिया, सीएमएचओ डाॅ. बी. बी. बोडे, डिप्टी कलेक्टर आशीष देवांगन और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में श्रीमती कौशल ने जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक लोगों की जांच करने और संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए दूसरे लोगों की तत्परता से पहचान करने के भी निर्देश अधिकारियो को दिए। उन्होंने बैठक में दिन-प्रतिदिन के हिसाब से ब्लाॅकवार तय किए गए टेस्टिंग लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने जिले में प्रतिदिन आरटीपीसीआर पद्धति से टेस्टिंग के लिए 500, एंटीजन पद्धति से एक हजार 100, ट्रु-नाट पद्धति से 160 सैम्पल टेस्ट के हिसाब से एक हजार 760 सैम्पल प्रतिदिन न्यूनतम उपलब्धि प्राप्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में सर्दी, खांसी, बुखार जैसे इन्फ्लूएंजा लाइक लक्षणों वाले लोगों की पहचान कर उनका कोरोना टेस्ट अनिवार्यतः करने के निर्देश भी स्वास्थ्य अमले को दिए। श्रीमती कौशल ने संक्रमित पाए गए लोगों के सम्पर्क में आए दूसरे लोगों की 12 घंटे के भीतर पहचान कर उनका अनिवार्यतः कोविड टैस्ट कराने के लिए भी कहा। ऐसे लोगों की कोविड रिपोर्ट आने तक उन्हें होम आईसोलेशन में रहने के लिए निर्देशित करने कहा गया। सम्पर्क में आए लोगों की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर स्थिति के अनुसार उन्हें कोविड अस्पताल या होम आईसोलेशन में रहकर कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए ईलाज कराने के लिए भी कहने को कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया।











