शिक्षिकाओं और प्राचार्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। एक पक्ष ने अकारण वेतन रोकने की बात करते हुए कलेक्टर से लिखित में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं दूसरे पक्ष ने डीईओ को पत्र लिखकर कहा अनुपस्थिति के वेतन रोकने पर उन्हें धमकी भरा पत्र भेजा जा रहा है। यह मामला शासकीय हाईस्कूल दर्री से सामने आया है।यहां की व्याख्याता हेमलता करियारे, कविता कौशिक व मधुबाला साहू ने कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें कहा है कि लॉकडाउन के दौरान घर पर रहते हुए प्राचार्य द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन कर स्कूल संबंधित सभी कार्यक्लाप, वर्चुअल मीटिंग, आॅनलाइन क्लास आदि ईमानदारी पूर्वक किया। इसके बाद भी प्राचार्य मीना साहू ने बिना ठोस कारण के उनका मई का वेतन रोक दींं। पूछने पर गोलमोल जवाब दे रहीं हैं। वहीं प्राचार्य मीना साहू ने भी एक पत्र जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनकी ड्यूटी कांट्रेक्ट ट्रेसिंग के लिए लगाई थी। इसकी रिपोर्ट बीईओ कटघोरा द्वारा मंगवाई जाती रही।ऐसे में अनुपस्थित रहने पर मैंने अपनी रिपोर्ट में अनुपस्थित दर्शाया है। मुझे उनका वेतन बनाने हर माह की 15 तारीख तक उपस्थिति पत्रक डीडीओ प्राचार्य, शाहासे स्कूल जमनीपाली को भेजना होता है, लेकिन इसमें दोनों शिक्षिकाएं कविता और मधुबाला ने जरूरी कार्य कांटेक्ट ट्रेसिंग में ड्यूटी नहीं की, इसलिए उपस्थित पत्रक में अब तक कार्य पर उपस्थित नहीं होना लिखकर भेजा है। इसके कारण दोनों का मई का वेतन आहरण नहीं किया गया। इसके लिए उन्हें धमकी भरा पत्र व फोन कराया जा रहा है।












